पीएम मोदी के केदारनाथ दौरे से पहले मुख्यमंत्री धामी ने तैयारियों का निरीक्षण किया।इससे पहले, मोदी के दौरे की तैयारियों का जायजा लेने के लिए सोमवार को केदारनाथ पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और कैबिनेट मंत्री धनसिंह रावत को वहां आंदोलनरत तीर्थ पुरोहितों के तीखे विरोध का सामना करना पड़ा था।
देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पांच नवंबर को होने वाले दौरे से पहले व्यवस्था का जायजा लेने के लिए बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी केदारनाथ धाम पहुंचे जहां उन्होंने भगवान भोले नाथ के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लिया। अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों, हरक सिंह रावत और सुबोध उनियाल के साथ केदारनाथ पहुंचे मुख्यमंत्री ने वहां चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने देवस्थानम बोर्ड भंग करने की मांग कर रहे तीर्थ पुरोहितों और पंडा समाज के प्रतिनिधियों से भी बातचीत की। पुरोहितों के साथ सौहार्दपूर्ण बातचीत में धामी ने कहा कि उनकी सरकार जनभावनाओं का सम्मान करने वाली सरकार है तथा तीर्थों के पंडा, पुरोहित और पुजारियों के मान-सम्मान को कोई ठेस नहीं पहुंचाई जायेगी
इससे पहले, मोदी के दौरे की तैयारियों का जायजा लेने के लिए सोमवार को केदारनाथ पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और कैबिनेट मंत्री धनसिंह रावत को वहां आंदोलनरत तीर्थ पुरोहितों के तीखे विरोध का सामना करना पड़ा था। तीर्थ पुरोहितों की नाराजगी के चलते त्रिवेंद्र सिंह बाबा केदार के दर्शन भी नहीं कर पाए और उन्हें उल्टे पांव लौटना पड़ा। धामी का यह दौरा मोदी के केदारनाथ आने से पहले हिमालयी धाम के पुरोहितों को शांत करने का प्रयास माना जा रहा है। बाद में, संवाददाताओं से भी बातचीत में धामी ने कहा कि कहीं कोई विरोध नहीं है और सभी ने कहा है कि वे प्रधानमंत्री का स्वागत करेंगे। चारधाम सहित प्रदेश के 51 मंदिरों के रखरखाव और प्रबंधन के लिए चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के गठन के प्रावधान वाला अधिनियम दो साल पहले त्रिवेंद्र सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में राज्य विधानसभा में पारित किया गया था। पुरोहितों का मानना है कि बोर्ड का गठन उनके पारंपरिक अधिकारों का हनन है और इसे भंग करने की मांग को लेकर वे लंबे समय से आंदोलनरत हैं।
धामी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री के आगमन से पहले तैयारियां देखने आए थे और सबकुछ ठीक चल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की बाबा केदार के प्रति विशेष आस्था और श्रद्धा है और उनका उत्तराखंड को दुनिया की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी के तौर पर विकसित करने का विजन है जहां पूरी दुनिया के लोग आध्यात्मिक शांति के लिए आएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘आधुनिक इतिहास में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। सरस्वती घाट और आस्था पथ के निर्माण जैसे पहले चरण के काम हो चुके हैं। दूसरे चरण का काम शुरू हो रहा है।’’ प्रधानमंत्री शुक्रवार को प्रस्तावित अपने केदारनाथ दौरे पर 400 करोड़ रुपये से अधिक के कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। इस दौरान मोदी आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि का लोकार्पण करने के साथ ही उनकी प्रतिमा का भी अनावरण करेंगे। आदि शंकराचार्य का समाधिस्थल 2013 में आई प्राकृतिक आपदा में क्षतिग्रस्त हो गया था। धामी ने कहा कि मोदी के इस कार्यक्रम का सजीव प्रसारण किया जाएगा और देश भर के शिवालय, ज्योर्तिलिंग, शंकराचार्य के मठों और उनकी जन्मस्थली इस दौरान केदारनाथ से सीधे जुड़े रहेंगे।