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नोएडा महिलाओं को आधी आबादी कहते हैं। लेकिन, जब आधे अधिकार, आधी जिम्मेदारी देने की बात आती है तो पुरुष प्रधान समाज बेईमानी कर जाता है, शोषण पर उतारू हो जाता है। हमारे समाज की यह सबसे बड़ी विडंबना है कि हम आज भी नारी को दोयम दर्जे का समझते हैं। कुलदीप कौशिक द्वारा लिखित निर्देशित "नार का सुर" इस भ्रमजाल को तार तार करता एक ऐसा चलचित्र है जो महिलाओं के सामर्थ्य और उनकी शक्ति का धमाकेदार दर्शन कराता है। आगामी ०५ अगस्त, २०२२ से स्टेप बाय स्टेप हॉस्पिटलिटी प्रा० लि० सह माया मूवीज कृत "नार का सुर" सम्पूर्ण भारत के थिएटर में गूंजेगा। नारी शक्ति को महिमामंडित करनेवाली यह फिल्म हर वर्ग के दर्शकों का ध्यान खींचेगी। 
              कुलदीप कौशिक ने इस फिल्म में महिलाओं के मनोबल को बढ़ाने का सशक्त प्रयास किया है। स्त्रियां किसी भी सूरत में, किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं, इसकी जबर्दस्त पक्षधर बनेगी निर्माता सुनील तायल की यह नारी प्रधान फिल्म। इसमें एक दर्जन लड़कियों की संघर्षगाथा है जो दर्शकों को प्रेरित करेगी, उद्वेलित करेगी। रोचक तथ्य यह है कि स्टार सिस्टम के खिलाफ भी यह फिल्म एक इन्क़लाब लाने जा रही है। इसकी सभी मुख्य बारह लड़कियां नवोदिता हैं और पहली बार किसी फीचर फिल्म में इतनी महत्वपूर्ण भूमिका में दिखाई देंगी। सभी लड़कियां देश के विभिन्न स्थानों से चयनित हैं और सभी की कहानी इन्द्रधनुषी है, एक दूसरे से अलग। लेकिन, यह फिल्म इतनी विविधताओं जटिलताओं के बाद भी मनोरंजन का पूरा खयाल रखती है। लड़कियों ने उम्मीद से श्रेयस्कर काम किया है, जिनमें दीक्षा मान, मन्नत सिंह व पूजा वर्मा के नाम उल्लेखनीय हैं। ललित परिमू एक महत्वपूर्ण चुनौतीपूर्ण भूमिका में दिखाई देंगे। फिल्म के सह-निर्माता विकास जैन हैं। अर्थपूर्ण गीत शोभना ठाकुर के और मधुर संगीत कृष्णलाल चंदानी का है, जिसमें मालिनी अवस्थी का गाया सुरीला गीत भी है। कृष्णा रमनम् फिल्म के कैमरामैन (डी ओ पी) हैं। अनुराग बसु के सहायक रहे और पंजाबी फिल्म से स्वतंत्र निर्देशन की कमान संभालनेवाले निर्देशक कुलदीप कौशिक की यह प्रेरणादायी फिल्म "नार का सुर" हिन्दी सिनेमा की एक उपलब्धि होगी।

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