बलिया। जिले के शेखपुर निवासी सरकार बहादुर की बेटी और भाई साइकिल का पंचर बनाने वाले मिस्त्री के छोटी बहन की इस नेक पहल को सलाम!आईएएस कर डीएम बन नारी समाज के उत्थान और लड़कियो को उनके भविष्य बनाने की सपना संजोये जनपद के शिक्षा की क्षेत्र मे अग्रणी विद्यालय ज्ञानकुंज एकेडमी बंशीबाजार की पांचवी की एक होनहार 9-10 वर्षीय छात्रा कुमारी स्वीटी अपने गांव के अति गरीब 20 बच्चे को नियमित ट्यूशन पढ़ाने का नेक काम कर रही है।उसके इस जज्बे की नगर व क्षेत्र मे खूब तारिक हो रही है। उसका मनोबल बढ़ाने के लिए उसके इस जज्बे की सम्मान उसके स्कूल मे भी बखूबी मिल रही है। जिससे उस होनहार छात्रा की मनोबल आसमान तक हवा के छोके का रफ्तार की तरह उचाइयों तक पहुंच सके।आज मंगलवार को विद्यालय के प्रेसिडेंट श्री ज्योति स्वरूप पाण्डेय ने ज्ञानशिखा टाइम्स से खास मुलाकात कराया।
उत्तर-प्रदेश के बलिया में बंशीबाजार स्थित ज्ञानकुंज एकेडमी के 9-10 वर्षीय 5वीं की छात्रा स्वीटी खुद गरीब रहकर भी गांव के अतिगरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने के साथ ही उन्हें कॉपी-किताब भी मुहैया करा रही हैं.वहीं स्वीटी अपने इस मुहिम से बच्चों के भविष्य को संवारने का काम कर रही हैं। समाज के प्रति जागरूक करीब 9-10 वर्षीय पाँचवी की छात्रा स्वीटी समाज के गरीब और अभावग्रस्त नौनिहालों का भविष्य संवारने का काम कर रही हैं। गरीब छात्रों को शिक्षा देने के साथ-साथ अपने जेब खर्च से बचत कर इन बच्चों के लिए कॉपी-किताब भी मुहैया कराती हैं। होनहार छात्रा कुमारी स्वीटी नारी समाज के उत्थान और लड़कियो को उनके भविष्य बनाए रखना चाहती है।
गरीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देने के लिए उसने अपने भाई की पंचर बनाने वाली कमरे को खूब साफ-सफाई कर बच्चो को बैठने की पहले जगह बनाई और अपनी पढ़ाई करने की दरम्यान उसने सुबह 5 बजे और दिन मे पांच बजे दो पाली मे 20 बच्चो को ट्यूशन पढ़ाई कराने का वाणी उठाया है। इस होनहार और समाज सेवा की जज्बा बनाए रखने मे शुमार स्वीटी ने बताया कि पहले शुरुआती दौर मे मेरी मम्मी को बुरा तो लगा की दूसरे को पढ़ाई कराने की चक्कर मे कही मेरी बेटी कमजोर ना हो जाए किन्तु बाद मे वह भी मेरा भरपूर सहयोग करने लगी।
ज्ञानकुंज की होनहार छात्रा स्वीटी का कहना है कि शेखपुर गांव मे ट्यूशन पढ़ने के लिए कोई नजर काफी दिनो से नही आ रहा था।इस बात का बहुत मलाल था कि इन बच्चों का भविष्य बर्बाद हो रहा है। जिसके बाद स्वीटी ने इन बच्चों के भविष्य को संवारने का बीड़ा उठाया और इनके माता-पिता से मिलकर बच्चों को शिक्षा देने के लिए प्रेरित किया। जब कुछ अभिभावक गरीबी की दुहाई देने लगे तो छात्रा ने बच्चों को नि:शुल्क पढ़ाने के साथ-साथ कॉपी किताब देने की भी जिम्मेदारी खुद अपने पर ही ले ली।
आम लोग मे यह कहा जाता है कि किसी समाज या घर में कोई व्यक्ति साक्षर या शिक्षित बन जाता है तो धीरे-धीरे उसकी बेहतरी की कवायद शुरू हो जाती है। एक के बाद एक व्यक्ति भी साक्षर बन जाता है। समाज की बेहतरी के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण अवश्य है। इसके बिना अच्छे समाज या घर की कल्पना भी अधूरी है। यह तभी संभव होगा, जब सभी एकजुट होकर अशिक्षा का अंधियारा मिटाने की कोशिश करेंगे।
ऐसा ही भगीरथ प्रयास ज्ञानकुंज की एक होनहार छात्रा कुमारी स्वीटी कर रही हैं।वह गरीब व असहाय बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दे रही हैं।वह बताती हैं कि जब वे खुद क्लास टू मे विद्यार्थी थी, तबसे ही छोटे बच्चों के साथ उनका लगाव रहा। हर मुश्किल परिस्थिति में भी छात्र-छात्राओं को पढ़ाना नहीं भूलती हैं।कुमारी स्वीटी भले आर्थिक रूप से कमजोर हैं, लेकिन वह बड़े हौसलों के धनी हैं। वह कहती हैं, छोटे बच्चों को पढ़ाना उन्हें अच्छा लगता है।उनका सपना समाज को सुशिक्षित बनाने है, जिसे पूरा करने के लिए समय और मौसम नहीं देखते हैं।
ज्ञानकुंज एकेडमी के प्रेसिडेंट श्री ज्योति स्वरूप पाण्डेय, प्रबंधक डा0 देवेंद्र नाथ सिंह,प्रिसिंपल श्रीमती सुधा पाण्डेय ने होनहार छात्रा कुमारी स्वीटी की इस सामाजिक नेक पहल की जिज्ञासा और उसके जज्बे को परस्पर बनाए रखने के लिए हर संभव सहयोग देने की बात कही।
इस दौरान जिले के शिक्षा की गुणवत्ता मे अग्रणी विद्यालय ज्ञानकुंज एकेडमी की प्रिंसिपल श्रीमती सुधा पाण्डेय ने कहा कि समाज से अज्ञानता का अंधेरा मिटाने के लिए बच्चों को शिक्षित करना बहुत जरूरी है। शिक्षा प्राप्त करने से ही अच्छे ज्ञान व संस्कार मिल सकते हैं।बच्चे ही देश के भविष्य हैं,इस लिए उन्हें शिक्षित करना हर मायने में जरूरी है। अगर वह शिक्षित होंगे तो अपने परिवार व समाज में भी ज्ञान का उजियारा फैलाएंगे और सभ्य समाज का निर्माण कर सकेंगे।