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प्रयागराज-विकास खण्ड करछना के अन्तर्गत पेयजल अभियान को लेकर कई गांवो जिनमें इसौटा,लखरवां,जगौती,भुण्डा, हथसरा,कटका और अन्य कई गांवों में लोगों को जल के प्रति किया गया जागरूक। हर गांव में पेयजल अभियान में पंचायत सहायक व ग्राम प्रधान का अहम भुमिका देखने को मिल रहा हैं। जो गांव के हर एक प्रत्येक लोगों को जल के अस्तित्व को बताते हुयें जागरूक करते हुयें सभी लोगों को जल के प्रति जागरूक कर जल को सुरक्षित व साफ-सुथरा रखने का संदेश दियें। वहीं पर राज्य पेयजल एवं स्वछता मिशन के तरफ से आयें हुयें अरविंद यादव ने पेयजल को लेकर कई गांवो में भ्रमण करतें हुयें ग्राम प्रधान एवं पंचायत सहायक के संरक्षण में चौपाल लगाकर पेयजल  को लेकर करछना विकास खण्ड के कई ग्रामसभा में बने पंचायत भवन व अन्य सार्वजनिक स्थलों पर ग्रामसभा लोगों को जल को शुध्द एवं सुरक्षित रखने को लेकर राज्य पेयजल एवं स्वछता मिशन के ओर से आयें हुयें अरविंद यादव ने जागरूक करते हुयें इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित पेयजल की सतत पहुंच प्रदान करने हेतु समुदाय को शामिल किया गया। स्वजल कार्यक्रम समुदायों को एकल ग्राम पेयजल आपूर्ति योजनाओं की योजना बनाने, परिकल्पना, कार्यान्वयन और निगरानी करने और इसके संचालन और रख-रखाव के लिए सामुदायिक स्वामित्व को संगठित करने के लिए सशक्त करता है।यही पेयजल के ओर से आयें हुयें अधिकारी द्वारा सभी को बताते हुयें कहां की  जल एक आम रासायनिक पदार्थ है, जो कि जीवन के सभी ज्ञात रूपों के अस्तित्व के लिए आवश्यक है। ज्यादातर, जल शब्द का उपयोग केवल इसकी तरल अवस्था या रूप के लिए ही किया जाता है, लेकिन इस पदार्थ की एक ठोस अवस्था, बर्फ और एक गैसीय अवस्था जल वाष्प या भाप भी है। जीवन अमृत जल, प्रत्येक वस्तु एवं प्रत्येक व्यक्ति के अस्तित्व के लिए अपरिहार्य फिर भी अधिकांश नगर पेयजल की कमी से जुझते हुए एवं नागरिक समिति जलप्रदाय की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। पेयजल मानव जीवन की अनिवार्य बुनियादी आवश्यकता है|  इसकी लगातार कम हो रही उपलब्धता गंभीर चिंता का विषय है| भारत सहित पूरी दुनिया में लगभग एक अरब ऐसे लोग हैं, जो पानी की अत्यधिक कमी से जूझ रहे हैं और पानी से सम्बंधित बिमारियों से असमय ही काल कलवित हो रहे हैं| ‘ग्लोबल एनवायरमेंट आउट लुक’ रिपोर्ट बताती है कि पृथ्वी कि एक तिहाई जनसंख्या पानी कि कमी की समस्या का सामना कर रही है|  इसी रिपोर्ट के अनुसार सन 2032 तक विश्व कि लगभग आधी जनसंख्या पानी की भीषण कमी से पीड़ित हो जाएगी|  जल की अतिवृस्ति व् उसके प्लावन प्रकोप से हर कोई भलीभांति परिचित है, किन्तु इसकी कमी किसी जंग का कारण भी बन सकती है, यह सामान्य जन की कल्पना से परे है|  जमीनी सच्चाइयां तेज गति से बदल रही हैं और विश्व भर में जो परिस्थियां निर्मित हो रही हैं, उससे लगता है कि आने वाले समय में जल मानव जीवन के हर स्तर विवादों का प्रमुख कारण बन जायेगा|
पेयजल के संकट से भारत भी अछूता नहीं है|  शहर तो शहर, ग्रामीण क्षेत्र भी पेयजल अभाव के घोर संकट से ग्रस्त हैं|  देश के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट की बानगी यह है कि गर्मी शुरू होते ही, भूजल स्तर में भारी गिरावट के साथ पानी की किल्लत शुरू हो जाती है|  वर्तमान में देश के कई क्षेत्रों में भूजल के अति दोहन के कारण इसका स्तर 50 फीट से भी नीचे गिर गया है|  मध्यप्रदेश के इंदौर संभाग में भूजल का स्तर 400 फीट, उज्जैन संभाग में 500 फीट तथा सागर संभाग में 600 फीट नीचे पहुँच गया है|  महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आँध्रप्रदेश, उड़ीसाः, मध्यप्रदेश के मालवा और उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड आदि क्षेत्रों में ग्रीष्म ऋतु में टैंकर द्वारा पेयजल पहुँचाया जाता है|  पेयजल को लेकर मोहल्ले-मोहल्ले, गांव-गांव, घर-घर में लोगों को आपस में झगड़ते देखा जा सकता है|  स्थिति ऐसी हो जाती है कि कहीं – कहीं महिलाओं को मीलों दूर से पसीना बहाते हुए पानी ढोना पड़ता है, तो कहीं सूखे के कारण गांव के गांव खाली होने लगते हैं|  
पेयजल के प्रति जागरूक करते हुयें कई बिंदुओं पर प्रकाश डाले-पेयजल आपूर्ति के दायरे को बसाहट से आगे बढाकर प्रत्येक घर तक जल की आपूर्ति सुनिश्चित करना|
पेयजल की एक स्रोत पर अत्यधिक निर्भरता को कम कर पेयजल के कई वैकल्पिक स्रोत उपलब्ध कराना|
पेयजल योजनाओं में जल की कमी को दूर करना तथा जल की निरन्तर उपलब्धता सुनिश्चित करना|
परम्परागत जल संरचनाओं को पुनर्जीवित करना तथा समुदाय द्वारा जल संरक्षण की पद्धतियों को अपनाये जाने की प्रवृति को बढ़ावा देना|
जल संवर्धन सम्बंधित सभी कार्यक्रमों को ग्राम स्तर पर समन्वित करना|
जल बजटिंग और ग्राम जल सुरक्षा योजना तैयार कर प्रत्येक घर तक सुरक्षित पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करना|
प्राथमिक स्तर पर पेयजल परिक्षण हेतु ग्राम पंचायतों की क्षमता का विकास करना|
पेयजल परीक्षण हेतु जिला एवं विकास खंड स्तर पर जल परिक्षण प्रयोगशाला स्थापित करना|
ग्रामीण स्कूलों में पेयजल शुद्धिकरण हेतु पेयजल आपूर्ति गाइडलइन के साथ जल गुणवत्ता, मॉनिटरिंग एवं निगरानी को जोड़ना|
ग्रामीण पेयजल योजनाओं के प्रबधन का कार्य पंचायती राज संस्थानों को हस्तांतरित किए जाने को प्रोत्साहित करना|