गरीबी और भुखमरी झेल रहे अफगानिस्तान की गेहूं भेजकर मदद करना चाहता है भारत, पाकिस्तान अटका रहा रोड़ा
आर्थिक संकट और बदहाली झेल रहे अफगानिस्तान की भारत अनाज भेजकर मदद करना चाहता है, लेकिन इसमें पाकिस्तान अंड़गा लगा सकता है। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान को जमीनी रास्ते से अनाज भेजने के लिए भारत सरकार ने पिछले महीने पाकिस्तान से गेंहू के ट्रकों की आवाजाही की मंजूरी के लिए एक नोट भेजा था।
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद देश में भुखमरी और बेरोजगारी की समस्या एक बड़ी चुनौती बनकर खड़ी है। अफगानिस्तान गंभीर खाद्य संकट के दौर से गुजर रहा है। लोग भुखमरी का शिकार हो रहे हैं। दिन पर दिन आर्थिक और मानवीय त्रासदी गहराती जा रही है। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों ने संकेत दिए हैं कि अगले कुछ दिनों में करीब 22 मिलियन लोग भूखमरी का सामना करेंगे।आने वाली सर्दियों के मौसम में अफगानिस्तान को गंभीर खाद्य संकट का सामना करना पड़ सकता है। पैसों की कमी के कारण लोग दो वक्त का खाना भी नहीं जुटा पा रहे हैं। भुखमरी से बचने के लिए लोग अपने घरों का सामान तक बेच रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार काबुल के एक पार्क चमन-ए-हूजुरी की तरफ पर कालीन, फ्रिज, टेलीविजन, सोफा समेत घर के कई सामने रखे नजर आए। लोग अपने परिवार के लिए राशन-पानी का इंतजाम करने के लिए अपने-अपने घरों से सामान लेकर उसे बेचने के लिए सड़कों पर बैठे हैं। हालांकि इनकों खरीदार ही नहीं मिल रहे हैं।
आर्थिक संकट और बदहाली झेल रहे अफगानिस्तान की भारत अनाज भेजकर मदद करना चाहता है, लेकिन इसमें पाकिस्तान अंड़गा लगा सकता है। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान को जमीनी रास्ते से अनाज भेजने के लिए भारत सरकार ने पिछले महीने पाकिस्तान से गेंहू के ट्रकों की आवाजाही की मंजूरी के लिए एक नोट भेजा था। लेकिन इस्लामाबाद ने अभी तक प्रस्ताव का कोई जवाब नहीं दिया है। भारतीय अधिकारी त्वरित प्रतिक्रिया की उम्मीद कर रहे हैं ताकि वे जल्द से जल्द सहायता भेजी जा सके। कई अवसरों पर, भारत ने अफगानिस्तान के लोगों को मानवीय सहायता भेजने की इच्छा व्यक्त की है, हालांकि इसने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को तालिबान शासन को मान्यता प्रदान करने के परिणामों के बारे में सोचने के लिए आगाह किया है।
खाद्य सुरक्षा को लेकर चेतावनी
संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम ने चेताया है कि नवंबर से अफगानिस्तान की आधी आबादी या 2.28 करोड़ लोग खाद्य असुरक्षा का सामना करेंगे। WFP की इस चेतावनी के कोविड-19 सूखा और संघर्ष जैसे कई कारण शामिल हैं, जिन्होंने बड़े स्तर पर देश में खाद्य व्यवस्था को प्रभावित किया है। विश्व खाद्य कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक डेविड बेस्ली ने एक बयान में कहा कि अफगानिस्तान में अब दुनिया के सबसे खराब मानवीय संकटों का खतरा है। देश में खाद्य सुरक्षा पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है।