साहित्यकार वीरेंद्र सिंह कुसुमाकर सचिवालय से हुए सेवानिवृत्त,सहकर्मियों ने दी भावभीनी विदाई
प्रतापगढ़।सचिवालय में सहायक लोक निर्माण के रूप में लगभग 35 वर्ष की सेवा पूर्ण करके प्रयागराज निवासी वीरेंद्र सिंह कुसुमाकर सेवानिवृत्त हुए। सहायक होने के साथ एक श्रेष्ठ कार्य शिल्पी के रूप में अपने अपने साथियों के बीच लोकप्रिय डॉ०वीरेंद्र सिंह कुसुमाकर को भावभीनी विदाई दी गई।
विदाई समारोह में भावुक हुए वीरेंद्र सिंह कुसुमाकर ने कहा कि 35 वर्ष तक सचिवालय में कार्य करते हुए उन्होंने यही यह अनुभव किया कि वह सचिवालय में नहीं बल्कि एक परिवार में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने सभी सहयोगियों एवं अधिकारियों का हृदय से आभार व्यक्त करते हुए भविष्य में जन एवं राष्ट्र सेवा में अपना जीवन समर्पित करने का संकल्प लिया।
संयुक्त सचिव लोक निर्माण राजेश अग्रवाल अनुभाग अधिकारी शैलेंद्र कुमार एवं सचिवालय के कर्मचारी नेता एवं सचिवालय दर्पण के संपादक साहित्य गौरव एवं विद्यावाचस्पति सम्मान से विभूषित स्कल्पर-(सचिवालय सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन समिति) के संस्थापक अध्यक्ष डॉ०अखिलेश कुमार श्रीवास्तव व उत्तर प्रदेश सचिवालय संघ के संयुक्त सचिव/वरिष्ठ कवि मानस मुकुल त्रिपाठी, सर्वेश कुमार, संगीता मिश्रा दिलीप कुमार, अंशुल सहित तमाम सचिवालयकर्मी मौजूद मौजूद होकर उन्हें अपनी शुभकामना दिए और उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व की सराहना किये।
स्कल्पर के संस्थापक अध्यक्ष अखिलेश कुमार श्रीवास्तव व वरिष्ठ कवि मानस मुकुल त्रिपाठी ने अपने साथ बिताए गए कुसुमाकर जी के संस्मरणों को सचिवालय कर्मचारियो से साझा किया। कुसुमाकर जी के सम्मान में सम्बोधन किया और कविताएं पढ़ी। कुसुमाकर जी को सचिवालय कर्मियों ने माला से लाद दिया और अंगवस्त्रम पहनाए उपहार से उन्हें नवाजा गया। स्वल्पाहार के बाद कार्यक्रम का समापन हुआ।