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नोएडा  राष्ट्रपति चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने अपना नामांकन दाखिल कर लिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने संसद भवन परिसर स्थित राज्यसभा महासचिव के कार्यालय में निर्वाचन अधिकारी पी.सी. मोदी को मुर्मू के नामांकन पत्र सौंपे।
यही नहीं इस दौरान मुर्मू के साथ नामांकन दाखिल करने के दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह, राजनाथ सिंह, जे.पी. नड्डा सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्री और सहयोगी दलों के नेता मौजूद थे। भाजपा नेताओं के अलावा वाईएसआर कांग्रेस के विजयसाई रेड्डी, ओड़िशा की बीजू जनता दल सरकार के दो मंत्री और उसके नेता संबित पात्रा, अन्नाद्रमुक नेता ओ. पनीरसेल्वम और थम्बी दुरई व जनता दल (यूनाईटेड) के राजीव रंजन सिंह भी मौजूद रहे।

जीत लगभग तय

राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की जीत लगभग तय मानी जा रही है। जीत के आंकड़े से महज कुछ कदम दूर खड़ी एनडीए अब नवीन पटनायक और जगन मोहन रेड्डी के समर्थन के बाद बहुमत के आंकड़े से काफी आगे निकलती दिख रही है।

क्लर्क से लेकर महामहिम की उम्मीदवारी तक का सफर

आपको बता दें कि द्रौपदी मुर्मू ने 1979 में भुवनेश्वर के रमादेवी महिला कॉलेज से बीए किया और फिर ओडिशा सरकार के सिंचाई और ऊर्जा विभाग में जूनियर सहायक क्लर्क की जॉब भी की। बाद में उन्होंने एक शिक्षक के तौर पर भी अपनी पहचान बनाई। इस दौरान उन्होंने रायरंगपुर के श्री अरविंदो इंटिग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर में ओनररी टीचर के तौर पर अपनी सेवाएं दी। साल 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत के वार्ड पार्षद से हुई। साल 2000 में भाजपा में आईं और रायरंगपुर विधानसभा चुनाव जीत विधायक बनने के बाद उन्होंने पलटकर पीछे नहीं देखा। उन्होंने साल 2000 -2004 में बीजेपी और बीजेडी की गठबंधन सरकार के दौरान नवीन पटनायक की कैबिनेट में लगभग दो-दो साल तक स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री के तौर पर वाणिज्य और परिवहन विभाग और मत्स्य पालन के अलावा पशु संसाधन विभाग की जिम्मेदारी संभाली थी। साल 2015 में मयूरभंज की बीजेपी की अध्यक्ष रहने के दौरान उन्हें पहली बार झारखंड का राज्यपाल बनाया गया था और इसके बाद से ही वह बीजेपी की सक्रिय राजनीति से दूर हो गईं।

पारिवारिक परिदृश्य

संथाल आदिवासी बिरंची नारायण टुडू की पुत्री के तौर पर 20 जून 1958 को मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में उनका जन्म हुआ। उनके पति श्याम चरण मुर्मू की मौत कम उम्र में हो गई थी। उनके तीन बच्चों में से दो बेटों की भी अचानक मौत हो गई थी। अब उनकी एक बेटी इतिश्री मुर्मू हैं। इतिश्री की शादी रायंगपुर के रहने वाले गणेश चंद्र हेम्बरम से हुई है। उनकी भी एक बेटी आद्याश्री हैं।