महाराष्ट्र की सियासत में कभी भी कुछ भी हो सकता है। संख्या बल के लिहाज से शिवसेना विधायक एकनाथ शिंदे का समूह लगातार ताकतवर होता जा रहा है। वहीं, एक सप्ताह पहले सरकार चला रही शिवसेना के पास विधायकों की संख्या लगातार घटती जा रही है। अगर दोनों पार्टियों के बीच ग्राफ को देखें, तो शिवसेना का बागी खेमा सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस से भी आगे निकलता दिख रहा है।
अब तक सामने आए आंकड़ों को देखें, तो एकनाथ शिंदे के पास शिवसेना के 37 बागी विधायक हैं। वहीं, खबर है कि एक और MLA आनंद लांडे भी गुवाहाटी के लिए रवाना हो चुके हैं। इस लिहाज से बागी खेमे का आंकड़ा 38 पर पहुंच सकता है। इसके अलावा एमवीए के 9 बागी और एनडीए समर्थक 7 विधायक भी शिंदे के साथ नजर आ रहे हैं। ऐसे में बागी खेमे की संख्या 54 पर पहुंच सकती है।
NCP और कांग्रेस को पछाड़ेंगे शिंदे?
2019 विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र में 105 सीटों पर जीत के साथ भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ा दल बनी थी। हालांकि, राकंपा, कांग्रेस और शिवसेना के साथ आने के चलते पार्टी सरकार बनाने में असफल रही थी। चुनाव में वरिष्ठ नेता शरद पवार की पार्टी के खाते में 54 सीटें आई थीं। जबकि, कांग्रेस के मामले में यह आंकड़ा 44 पर था। मुखिया की भूमिका निभाने वाली शिवसेना को 56 सीटें मिली थी।
इन तीनों दलों के अलावा एमवीए सरकार को बहुजन विकास अघाड़ी, समाजवादी पार्टी, प्रहार जनशक्ति पार्टी, पीसेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी ऑफ इंडिया ने भी समर्थन दिया था। संयुक्त रूप से इन पार्टियों की सीटों की संख्या 8 है।
दल बदल कानून की बाधा को किया पार
गुरुवार सुबह शिवसेना के विधायक दीपक केसरकर, सदा सर्वांकर और आशीष जयसवाल रेडिसन ब्लू पहुंचे थे। शिंदे समेय कई बागी नेताओं ने उनका स्वागत किया था। हालांकि, खबर आई थी कि केसरकर बाद में होटल से निकल गए थे। इसके बाद दादा भुसे और संजय राठौड़ भी होटल पहुंच गए थे। दल बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित होने से बचने के लिए 55 में से 37 विधायकों यानि 2/3 समर्थन की जरूरत थी।