मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट के टॉप 10 टॉपर्स को सम्मानित करने के साथ ही उनसे संवाद भी किया। लखनऊ स्थित मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित इस कार्यक्रम में सीएम योगी ने छात्रों, उनके अभिभावकों और प्रधानाचार्य-शिक्षकों से खुलकर बात की। उन्होंने पठन-पाठन, कक्षाओं आदि के बारे में सबसे विस्तार से बात की। इस दौरान उन्होंने कुछ टापरों से पूछा कि आप लाइब्रेरी जाते हैं या नहीं?, अखबार पढ़ते हैं या नहीं? लाइब्रेरी और अखबार पढ़ने के सवाल पर छात्रों की ओर से जवाब नहीं आया तो सीएम योगी ने उन्हें इसके महत्व के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि कॉम्प्टीशन में सफलता के लिए अपडेट रहना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि अखबार में सिर्फ स्वयं से सम्बन्धित ही नहीं पूरी न्यूज को पढ़ना चाहिए। अखबार का सम्पादकीय पृष्ठ बहुत सारी जानकारियों का खजाना होता है। देश-दुनिया की बहुत सारी जानकारियां आपको मिलेंगी। देश के प्रमुख चिंतकों, लेखकों, विद्वानों और राजनेताओं के आर्टिकल होते हैं। उनसे आपका सामान्य ज्ञान बहुत अच्छा हो जाएगा। अखबार आपको हमेशा अपडेट करेगा। इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद आप ग्रेजुएशन में प्रवेश कर गए। आप कॉम्प्टीशन की तैयारी करेंगे। खुद को अपडेट रखने की जरूरत है।
सीएम योगी ने एक-एक कर सभी टापर्स से उनकी आगे की योजना के बारे में पूछा। सीएम ने कहा कि अपनी तैयारी और सफलता के बारे में आत्मविश्वास होना चाहिए। हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। कल से शुरू होने जा रही जेईई मेन की परीक्षा में बैठने जा रहे अभ्यर्थियों से सीएम योगी ने सरकार द्वारा चलाई जा रही कोचिंग की 'अभ्युदय' योजना के बारे में पूछा। उन्होंने कहा कि छात्रों को लाइब्रेरी नियमित रूप से जाना चाहिए। अखबार नियमित रूप से पढ़ना चाहिए। उन्होंने बताया कि यूपी सरकार ने एनडीए, नीट, आईआईटी-जेईई या अन्य किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए 'अभ्युदय' कोचिंग की व्यवस्था की है। इसका संचालन वे लोग कर रहे हैं जो उस प्रतियोगिता को पहले पास कर चुके हैं। जैसे जिले में तैनात आईएएस, आईपीएस, पीसीएस, पीपीएस, डॉक्टर, इंजीनियर आदि। वर्चुअल क्लासेस भी चलती हैं। उन्हें कोई भी देख सकता है। फिजिकल क्लासेस के लिए एक प्रतियोगिता होती है लेकिन वर्चुअल क्लासेस तो कहीं से भी देख सकते हैं।
परिश्रम का कोई विकल्प नहीं होता
सीएम योगी ने कहा कि परिश्रम का कोई विकल्प नहीं होता। जितना परिश्रम करेंगे, परिणाम उतना ही अच्छा आएगा। परिश्रम सकारात्मक और सार्थक दिशा में होना चाहिए। सफल वह होता है जो छोटी-छोटी गलतियों को सुधार कर आगे बढ़ता जाता है। विफल वही होता है जो जानने के बाद भी गलतियों की तरफ ध्यान नहीं देता है।
हर शिक्षण संस्थान इन योजनाओें की रखे जानकारी
हर शिक्षण संस्थान को मुख्यमंत्री अभ्युदय कोचिंग, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला जैसी योजनाओं की जानकारी होनी चाहिए। साथ ही संस्थानों का दायित्व बनता है कि ऐसी लाभकारी योजनाओं से छात्र-छात्राओं को अवश्य अवगत कराएं।