सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए सरकार ने नई 'अग्निपथ' योजना का ऐलान किया है। मौजूदा नीति में 20 साल के मुकाबले नए सैनिकों की भर्ती 4 साल के लिए की जाने की बात कही गई है। साथ ही इसके सेना में आने वाले 'अग्निवीरों' के लिए पेंशन की भी कोई व्यवस्था नहीं है। अब इसी के चलते देश भर में उम्मीदवार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। बहरहाल, एक बार इस मुद्दे को विस्तार से समझते हैं कि आखिर यह योजना क्या है और इसमें क्या-क्या बदलाव किए गए हैं...
1. अग्निपथ योजना क्या है?
उत्तर- भारतीय सशस्त्र बलों से संबंधित अग्निपथ योजना एक ऐसी योजना है जिसमें चयनित उम्मीदवारों को चार साल की अवधि के लिए अग्निवीर के रूप में नामांकित किया जाएगा। चार साल की अवधि पूरी होने पर, ये अग्निवीर एक अनुशासित, गतिशील, प्रेरित और कुशल श्रमशक्ति के रूप में अन्य क्षेत्रों में रोजगार पाने के उद्देश्य से अपनी पसंद के पेशे में अपना करियर बनाने हेतु समाज में वापस लौटेंगे।
सशस्त्र बलों द्वारा घोषित संगठनात्मक जरूरतों एवं नीतियों के अनुरूप अपनी संलग्नता की अवधि पूरी कर लेने के बाद इन अग्निवीरों को स्थायी संवर्ग में नामांकन के लिए आवेदन करने का एक अवसर प्रदान किया जाएगा। इनमें से 25 प्रतिशत तक अग्निवीरों को सशस्त्र बलों में नियमित संवर्ग के रूप में नामांकित होने के लिए चुना जाएगा।
यह योजना देश की सेवा करने के इच्छुक भारतीय युवाओं को कम अवधि के लिए सशस्त्र बलों में भर्ती होने का अवसर प्रदान करती है। यह योजना सशस्त्र बलों के युवाओं के प्रोफाइल को बेहतर करती है।
2. इस योजना के व्यापक उद्देश्य क्या हैं?
- सशस्त्र बलों की युवा छवि को बढ़ाना ताकि वे जोखिम लेने की बेहतर क्षमता के साथ हर समय अपने सर्वश्रेष्ठ युद्ध कौशल से लैस हों।
- देश के तकनीकी संस्थानों का लाभ उठाते हुए उन्नत तकनीकी सीमाओं से लैस उभरती हुई आधुनिक तकनीकों का प्रभावी ढंग से उपयोग करने, उन्हें अपनाने और उनका उपयोग करने हेतु समाज से युवा प्रतिभाओं को आकर्षित करना।
- थोड़े समय के लिए वर्दी में राष्ट्र की सेवा करने के इच्छुक युवाओं को अवसर प्रदान करना।
- युवाओं में सशस्त्र बलों के जोश, साहस, सौहार्द, प्रतिबद्धता और समूह की भावना को आत्मसात करना।
- युवाओं को अनुशासन, जोश, प्रेरणा और कार्य-कुशलता जैसी योग्यताओं एवं गुणों से लैस करना ताकि वे हमारे लिए एक संपदा साबित हों।
3. इस योजना से कौन से लाभ अर्जित करने की परिकल्पना की गई है?
उत्तर– यह योजना सशस्त्र बलों, राष्ट्र, व्यक्ति विशेष और व्यापक पैमाने पर समाज के लिए बेहद उपयोगी साबित होगी।
पहला, राष्ट्र
- सभी क्षेत्रों की महिलाओं सहित युवाओं को समान अवसर के साथ विविधता में एकता पर आधारित राष्ट्रीय एकता।
- नागरिक समाज में सैन्य मूल्यों के साथ सशक्त, अनुशासित और कुशल युवाओं के माध्यम से राष्ट्र निर्माण।
दूसरा, सशस्त्र बल
- बदलती परिस्थितियों के अनुरूप ऊर्जावान, स्वस्थ, विविधतापूर्ण, अधिक प्रशिक्षित और सशक्त युवाओं के साथ परिवर्तनकारी विकास के जरिए युद्ध की बेहतर तैयारी।
- एक सख्त एवं पारदर्शी चयन प्रक्रिया के जरिए सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा का चयन।
- युवा और अनुभव के अधिकतम संतुलन के जरिए युवा छवि।
- तकनीकी संस्थानों से शामिल करके स्किल इंडिया के लाभों के बढ़ाने का प्रयास।
तीसरा, व्यक्ति विशेष
- सशस्त्र बलों में शामिल होने और राष्ट्र की सेवा करने के सपने को पूरा करने का युवाओं को अवसर।
- सैन्य अनुशासन, प्रेरणा, कौशल और शारीरिक फिटनेस को आत्मसात करना।
- विभिन्न प्रकार के कौशल, प्रमाणन और डिप्लोमा/उच्च शिक्षा/क्रेडिट के साथ समाज से सहज जुड़ाव।
- अच्छा वित्तीय पैकेज सशस्त्र बलों से जुड़ने वाले युवा को अपने नागरिक समाज के साथी की तुलना में अधिक स्थिर बनाता है।
- कार्यकाल के दौरान सैन्य प्रशिक्षण, टीम निर्माण, मूल्यों और सौहार्द के माध्यम से आत्मविश्वास से लबरेज और बेहतर नागरिक बनाना।
- एक अग्निवीर का व्यक्तित्व- परिचय इतना अनूठा होगा कि वो भीड़ में भी अलग खड़ा दिखाई देगा।
4. इस योजना का सशस्त्र बलों की संचालनात्मक तैयारियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर– इस योजना से सशस्त्र बलों की संचालनात्मक प्रभावकारिता बढ़ेगी। एक युवा छवि, जोकि कम घबराहट के साथ लड़ाई के मैदान में उतरने की दृष्टि से अधिक योग्य होता है, से लैस होने की वजह से यह उम्मीद की जाती है कि इन कर्मियों की जोखिम लेने की क्षमता अधिक होगी। प्रौद्योगिकी के समावेश और प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सुधार के साथ, सशस्त्र बल यह सुनिश्चित करेंगे कि इस योजना के तहत शामिल किए गए कर्मियों के पास वही कौशल हों जोकि संचालनात्मक चुनौतियों से निपटने के लिए जरूरी हैं। चूंकि सशस्त्र बलों में प्रशिक्षण संबंधी मानक स्पष्ट रूप से परिभाषित होते हैं और उच्चतम अधिकारियों द्वारा इसकी निगरानी की जाती है, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अग्निवीर उच्चतम पेशेवर मानकों पर खरा उतरें।
5. इस योजना में सशस्त्र बलों की कम आयु वाली छवि की परिकल्पना की गई है। क्या इस योजना के तहत नामांकन के लिए आयु संबंधी पात्रता के मानदंड पहले से चली आ रही परिपाटी की तुलना में अलग हैं?
उत्तर– साढ़े 17 वर्ष से लेकर 21 वर्ष की आयु के बीच अन्य शैक्षिक, शारीरिक और चिकित्सा संबंधी मानदंडों को पूरा करने वाले उम्मीदवारों को बड़े पैमाने पर अग्निवीर के रूप में नामांकित किया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य भविष्य में कुछ तकनीकी पेशों के लिए आवश्यक कौशल के साथ आईटीआई/डिप्लोमा धारक योग्य उम्मीदवारों को नामांकित करके "स्किल इंडिया" की पहल को बढ़ावा देना है।
6. क्या अग्निवीर स्थायी संवर्ग में नामांकन का विकल्प चुन सकते हैं?
उत्तर– सशस्त्र बलों द्वारा घोषित संगठनात्मक जरूरतों एवं नीतियों के अनुरूप अपनी संलग्नता की अवधि पूरी कर लेने के बाद, सभी अग्निवीरों को स्थायी संवर्ग में नामांकन के लिए आवेदन करने का अवसर प्रदान किया जाएगा। इन आवेदनों पर एक केंद्रीकृत पारदर्शी सख्त स्क्रीनिंग प्रणाली, जोकि सेवा के दौरान योग्यता और प्रदर्शन पर आधारित होगी, द्वारा विचार किया जाएगा। मौजूदा नियमों और शर्तों के अनुसार स्थायी संवर्ग में नामांकन के लिए 25% तक अग्निवीरों का चयन किया जाएगा। सशस्त्र बलों में आगे नामांकन के लिए अग्निवीरों का चयन निर्धारित नीतियों के माध्यम से सरकार के विशेषाधिकार क्षेत्र में होगा।
7. इस योजना की तुलना अन्य देशों से कैसे की जाती है?
उत्तर– विभिन्न विकसित देशों में अपनाई जा रही सर्वश्रेष्ठ परिपाटी को अपनाने के लिए इन देशों में सशस्त्र बलों के कर्मियों को सेवा में शामिल करने, बनाए रखने और उन्हें सेवा से मुक्त करने की कार्यप्रणाली का सावधानीपूर्वक विश्लेषण किया गया। इस विश्लेषण से निम्नलिखित तथ्य सामने आए:
- मुख्य रूप से स्वयंसेवी मॉडल: अनिवार्य सैनिक सेवा वाले देशों सहित सभी देशों में सैनिक सेवा की अनिवार्य समय सीमा समाप्त होने के बाद स्वयंसेवी स्वरुप वाले सशस्त्र बल हैं।
- नामांकन की प्रक्रियाएं: अधिकांश देश सैन्य कैरियर के विभिन्न चरणों में नामांकन के विभिन्न मॉडल का पालन करते हैं जिससे सैनिकों को स्वेच्छा से सेवा जारी रखने या सेवा से मुक्त होने में मदद मिलती है।
- सेवा में बनाए रखना: सभी देश, प्रारंभिक अनिवार्य सेवा अवधि के बाद, सैनिकों को उनकी पसंद और एक मेधावी चयन प्रक्रिया के आधार पर सेवा में बनाए रखते हैं।
- प्रशिक्षण: सभी देशों में प्रारंभिक प्रशिक्षण अवधि कम होती है। किसी सैनिक को लंबी अवधि की सेवा के लिए चुने जाने के बाद उसे विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है।
- सेवा से मुक्ति पर प्रोत्साहन: ये प्रोत्साहन हर देश में अलग-अलग होते हैं लेकिन आम तौर पर निम्नलिखित क्षेत्रों में होते हैं:
- उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए छूट/प्रोत्साहन।
- सेवा से मुक्त होने पर वित्तीय पैकेज।
- प्रदान की गई सेवा के प्रकार और अवधि के लिए शिक्षा योग्यता में क्रेडिट।
- स्थायी संवर्ग में भर्ती में प्राथमिकता।
- सेवा से मुक्त होने पर नौकरी संबंधी कुछ आश्वासन।
- अग्निपथ योजना का उद्देश्य विकसित देशों में अपनाए गए मॉडल और वहां प्रदान किए जाने वाले प्रोत्साहनों का पालन करना है।
8. रेजिमेंटल प्रणाली सैनिकों एवं
अधिकारियों को युद्ध के दौरान अपने निर्धारित कर्तव्यों से परे जाकर जुड़ने और प्रदर्शन करने के प्रेरक कारकों में से एक है। क्या इस योजना के तहत होने वाली भर्ती से इस प्रणाली में बदलाव होगा?
उत्तर– हम रेजिमेंटल प्रणाली को बनाए रखेंगे क्योंकि इस योजना में सर्वश्रेष्ठ अग्निवीरों का चयन करने की परिकल्पना की गई है और केवल अपनी योग्यता साबित करने वाले कर्मियों द्वारा ही यूनिट की एकजुटता सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा, इन पहलुओं पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा और इनपर अग्निवीर के यूनिट में पहुंचने के बाद दिए जाने वाले प्रशिक्षण के माध्यम से जोर दिया जाएगा।
9. चूंकि प्रशिक्षण की अवधि सीमित रहने वाली है, क्या यह संचालनात्मक चुनौतियों का सामना करने के लिए पर्याप्त होगा?
उत्तर– आज के युवा बेहतर भोजन खाते हैं, तेज एवं लंबे समय तक दौड़ते हैं, तकनीक के प्रति अधिक दक्ष हैं और परिस्थिति के अनुरूप अधिक आसानी से ढलने में माहिर हैं। हमारा उद्देश्य एक प्रभावी प्रशिक्षण कार्यक्रम सुनिश्चित करने के लिए सिमुलेटर जैसी तकनीक का उपयोग करते हुए हमारे प्रशिक्षण के प्रारूप में वर्तमान पीढ़ी की प्रतिभा का दोहन करना है।
चूंकि युवाओं की बुनियादी योग्यता और उनके गुणों में पिछले कुछ वर्षों में सुधार हुआ है, यह हमें शारीरिक एवं तकनीकी प्रशिक्षण दोनों के लिए अधिक समय उपलब्ध होने के साथ प्रशिक्षण के प्रारूप को पुनर्गठित करने का मौका देता है। यह हमें अपने वर्तमान प्रशिक्षण के प्रारूप की समीक्षा करने का भी अवसर देता है ताकि उन्हें सामयिक, प्रौद्योगिकी आधारित और सशस्त्र बलों की जरूरतों के अनुरूप बनाया जा सके।
10. क्या अग्निपथ योजना को महिलाओं के लिए खोले जाने की संभावना है?
उत्तर– इस बात की परिकल्पना की गई है कि सशस्त्र बलों में शामिल करने हेतु अग्निवीर योजना के तहत भविष्य में महिलाओं की प्रगतिशील तरीके से भर्ती की जाएगी।
11. यह योजना पूरे देश से भर्ती कैसे सुनिश्चित करेगी?
उत्तर– इस योजना का उद्देश्य राष्ट्र के व्यापक आधार वाले प्रतिभा के भंडार का दोहन करना और सशस्त्र बलों में करियर के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा का चयन करना है। इस योजना की शुरूआत के साथ सशस्त्र बलों में चयन के वर्तमान प्रारूप को नहीं बदला जा रहा है। बदलाव केवल सेवा के नियम और शर्तों में किया जा रहा है।
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि तीनों सेनाओं के देश भर में सुस्थापित चयन केन्द्र हैं। इन चयन केन्द्रों ने तीनों सेनाओं को देश के सबसे दूर-दराज के हिस्से से भी लोगों की भर्ती करने में समर्थ बनाया है। चूंकि ये चयन केन्द्र ही कर्मियों की भर्ती की जिम्मेदारी लेना जारी रखेंगे, हम उम्मीद करते हैं कि इस योजना की शुरूआत से अखिल भारतीय प्रतिनिधित्व प्रभावित नहीं होगा।
12. सशस्त्र बलों में अग्निवीर को दिया जाने वाला वित्तीय पैकेज क्या है?
उत्तर– समग्र वार्षिक पैकेज
- प्रथम वर्ष का पैकेज लगभग 4.76 लाख रुपये
- चौथे वर्ष में लगभग 6.92 लाख रुपये तक उन्नयन भत्ते
- जोखिम एवं कठिनाई, राशन, पोशाक, यात्रा भत्ते जैसा लागू हो सेवानिधि
- मासिक वेतन का 30% व्यक्ति विशेष द्वारा अंशदान किया जाएगा
- सरकार द्वारा समान राशि का मिलान एवं अंशदान
- 10.04 लाख रुपये के कोष के अलावा अर्जित ब्याज, जिसपर चार साल बाद आयकर से छूट मृत्यु की स्थिति में मुआवजा
- 48 लाख रुपये का गैर-अंशदायी जीवन बीमा कवर
- सेवा के दौरान मौत पर 44 लाख रुपये की अतिरिक्त अनुग्रह राशि
- 'सेवानिधि' घटक सहित चार वर्षों की अवधि तक में सेवा न किए गए काल के लिए भी वेतन
- दिव्यांग होने की स्थिति में मुआवजा
- चिकित्सा प्राधिकारियों द्वारा निर्धारित दिव्यांगता के प्रतिशत के आधार पर मुआवजा
- 100% / 75% / 50% दिव्यांगता के लिए क्रमशः 44 / 25 / 15 लाख रुपये की एकमुश्त अनुग्रह राशि
13. इसके लाभ क्या हैं?
इस प्रस्ताव के तहत युवाओं को कम अवधि के लिए सेना में कार्य करने का अवसर प्रदान करने की परिकल्पना की गई है। इस कदम के जरिए सशस्त्र बलों में युवाओं और अनुभवी कर्मियों के बीच एक अच्छा संतुलन सुनिश्चित करके एक अपेक्षाकृत अधिक युवा और तकनीकी रूप से सक्षम युद्ध लड़ने वाले सैन्य बल को भी तैयार किया जा सकेगा।