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भारतीय टेस्ट टीम के सबसे अहम खिलाड़ियों में शामिल चेतेश्वर पुजारा को कुछ ही महीने पहले टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था, लेकिन इसके बाद उन्होंने हार नहीं मानी, बल्कि टीम में दमदार वापसी की राह पर चल पड़े। पुजारा जब 2021 में इंग्लैंड दौरे पर गए थे, तब के और अब के पुजारा में काफी अंतर देखने को मिल सकता है। पुजारा को टीम इंडिया की दूसरी दीवार कहा जाता है, लेकिन धीमी गति से रन बनाने को लेकर उनकी कई बार आलोचना भी हो चुकी है, इसके अलावा लगातार खराब फॉर्म ने भी उनका मनोबल काफी गिरा दिया था।

भारत और इंग्लैंड के बीच 1 जुलाई से पांच मैचों की सीरीज का आखिरी टेस्ट मैच खेला जाना है। सीरीज के बाकी चार टेस्ट मैच 2021 में खेले जा चुके हैं। दरअसल तब पांचवां टेस्ट खेला जाना था, लेकिन भारतीय खेमे में लगातार कोविड-19 के केस बढ़ते जा रहे थे, जिसके चलते सीरीज को बीच में स्थगित करना पड़ा था। भारत इस सीरीज में फिलहाल 2-1 से आगे है। इंग्लैंड हर हाल में सीरीज ड्रॉ कराना चाहेगी, वहीं भारत की नजर इंग्लैंड में ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज जीतने पर।

2021 के चार टेस्ट मैचों में पुजारा के आंकड़े

पहले चार टेस्ट मैचों में पुजारा ने आठ पारियों में 227 रन बनाए थे, 32.43 की औसत से पुजारा ने ये रन बनाए थे और इस दौरान उनके बल्ले से महज दो पचासे ही निकले थे। पुजारा ने 91 रन तो एक ही पारी में बनाए थे। पुजारा जैसे बल्लेबाज के लिए चार टेस्ट मैचों में 35 से कम का औसत दिखाता है कि वह अपनी लय से भटके हुए थे।

काउंटी क्रिकेट में पुजारा ने दिखाया दम 

जब ज्यादातर भारतीय क्रिकेटर आईपीएल में हिस्सा ले रहे थे, तब ससेक्स की ओर से काउंटी क्रिकेट खेलने के लिए पुजारा इंग्लैंड पहुंचे। पुजारा ने सात पारियों में 124.80 के औसत से कुल 624 रन ठोक डाले। इंग्लिश कंडीशन में पुजारा जिस तरह से बल्लेबाजी करतेे दिखे, उसका फायदा टीम इंडिया को पांचवें टेस्ट में भी मिल सकता है। दक्षिण अफ्रीका दौरे पर टेस्ट सीरीज में फेल होने के बाद पुजारा को टीम इंडिया से ड्रॉप किया गया था, लेकिन यह बल्लेबाज एक बार फिर खुद को साबित करने के लिए तैयार है।