प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 1.5 सालों में 10 लाख नौकरियां देने की बात कही है। देश में चिंता बढ़ाने वाली बेरोजगारी दर के बीच इस घोषणा को काफी अहम माना जा रहा है। वहीं, विपक्ष भी महंगाई के बाद बेरोजगारी के मुद्दे पर ही सरकार को घेर रहा है। बहरहाल, आंकड़े बताते हैं कि सरकार के इस 'मिशन मोड' ऐलान के बाद सबसे ज्यादा फायदा रक्षा, रेलवे और राजस्व जैसे क्षेत्रों में नौकरी तलाशने वालों को हो सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आंकड़े बताते हैं कि सबसे ज्यादा वैकेंसी डाक, रक्षा (सिविल), रेलवे और राजस्व जैसे बड़े मंत्रालय और विभागों में हैं। डाक विभाग में स्वीकृत कर्मचारियों की संख्या 2.67 लाख है। यहां 90 हजार वैकेंसी हैं। वहीं, रेलवे में स्वीकृत 15 लाख पदों में से 2.3 लाख रिक्त हैं। रक्षा (सिविल) विभाग में 2.5 लाख पद खाली हैं। राजस्व विभाग में रिक्त पदों का आंकड़ा 74 हजार है। जबकि, गृहमंत्रालय में 10.8 लाख पदों में से 1.3 लाख पोस्ट खाली हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से मंगलवार को जानकारी दी गई, 'प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी विभागों और मंत्रालयों में मानव संसाधन की स्थिति की समीक्षा की है। उन्होंने यह निर्देश भी दिया है कि अगले डेढ़ साल में सरकार द्वारा मिशन मोड में 10 लाख लोगों की भर्ती की जाए।' सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी का डेटा बताता है कि मई में बेरोजगारी दर 7.12 फीसदी रही है। अप्रैल के मुकाबले इसमें 0.71 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
क्या सेना में भर्ती के ऐलान से हो गई है शुरुआत
एजेंसी वार्ता के अनुसार, सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि नौकरियों का ब्योरा शीघ्र ही जारी किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की मंगलवार सुबह हुई बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए ठाकुर ने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी ने सभी विभागों को 18 माह में कुल मिलाकर 10 लाख नए रोजगार देने को कहा है। इसका ब्योरा जल्द घोषित होगा।'
केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति ने सशस्त्र सेनाओं में जवानों की भर्ती के लिए नई योजना अग्निपथ को भी मंजूरी दी गई, जिसके तहत पहले वर्ष में तीनों सेनाओं में 46 हजार अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी।