प्रकृति से संबंधित कुछ घटनाएं इतनी अद्भुत और आकर्षित होती हैं कि पूरी दुनिया का ध्यान उस तरफ चला जाता है। 'स्ट्रॉबेरी मून' ऐसी ही एक घटना है। दुनिया भर में 14 जून को आसमान में यह नजारा देखने को मिला। इस दिन चांद पृथ्वी के चारों तरफ अपने ऑर्बिट में सबसे नजदीक होता है, इसलिए यह बाकी दिनों की अपेक्षा थोड़ा बड़ा दिखाई देता है। इसे स्ट्रॉबेरी सुपरमून कहते हैं।
दरअसल जून के फुल मून को ही 'स्ट्रॉबेरी मून' के नाम से जाना जाता है। भारतीय समयानुसार स्ट्रॉबेरी मून शाम 5:22 पर नजर आया। हालांकि भारत में उस समय लगभग दिन था इसलिए सूर्य की चमक की वजह से यह यहां नजर नहीं आया, लेकिन विश्व के कई देशों में यह दिखाई दिया। टाइम की एक रिपोर्ट के मुताबिक सुपर मून दुर्लभ होते हैं। यह एक साल में तीन-चार बार ही आते हैं। इटली के सेकानो से टेलीस्कोप के जरिए स्ट्रॉबेरी मून का वेबकॉस्ट किया गया।
इस सुपरमून को स्ट्रॉबेरी मून, रोजमून और यहां तक की हनीमून भी कहा जाता है। यह इस साल का पहला सुपरमून था। वैज्ञानिकों के अनुसार इस दौरान चांद पृथ्वी के निकटतम बिंदु पर रहता है जिसे पेरिगी के नाम से जाना जाता है। इस कारण पृथ्वी का उपग्रह सुपरमून की तरह नजर आता है। नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन NASA के अनुसार रविवार शाम से बुधवार सुबह तक चंद्रमा इतने ही बड़े आकार में पृथ्वी के लगभग हर हिस्से में नजर आएगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक स्ट्रॉबेरी मून, वसंत की आखिरी पूर्णिमा या गर्मियों की पहली पूर्णिमा पर होता है। यह साल का वह समय है जब उत्तरी अमेरिका में बेरी या जामुन पकते हैं, इसलिए इसका नाम स्ट्रॉबेरी मून रखा गया। नाम का मतलब यह नहीं है कि चंद्रमा लाल या स्ट्रॉबेरी जैसा नजर आने वाला है। नासा के अनुसार एक सुपरमून साल के सबसे कमजोर चंद्रमा की तुलना में 17 फीसदी बड़ा और 30 फीसदी चमकीला दिखाई देता है।
फिलहाल पूरी दुनिया में 14 जून को लोग इस अनोखे और खूबसूरत पल के गवाह बने। दुनिया के कई हिस्सों से लोगों ने इस खूबसूरत चांद को अपने कैमरे में कैद किया। लोगों ने इस अद्भुत खगोलीय घटना को सोशल मीडिया पर भी शेयर किया।