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हरियाणा के राज्यसभा चुनाव में अजय माकन की हार को एक तरफ कांग्रेस हजम नहीं कर पा रही है तो वहीं भाजपा खेमे को बड़ा बूस्ट मिला है। इस चुनाव में भाजपा ने अब घोषित उम्मीदवार को जिताने के साथ ही निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा को भी जिता लिया। कहा जा रहा है कि इस रणनीति की पूरी पटकथा खुद सीएम मनोहर लाल खट्टर ने लिखी थी। एक महीने के अंदर ही कुलदीप बिश्नोई से सीएम खट्टर की दूसरी मुलाकात ने कार्तिकेय शर्मा की जीत तय कर दी। दरअसल कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस लीडरशिप से नाराज चल रहे थे। इसकी वजह यह थी कि उदयभान को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर भूपिंदर सिंह हुड्डा को राज्य की कमान दिया जाना। 

इसके बाद भी कुलदीप बिश्नोई ने कई बार हाईकमान को साधने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी। कहा जा रहा था कि वह खुद राज्यसभा जाने के लिए दावेदारी कर रहे हैं, हालांकि उन्हें टिकट नहीं मिला और पार्टी ने अजय माकन को मौका दिया था। इसके बाद से ही भाजपा लगातार कुलदीप बिश्नोई के संपर्क में थी। कुलदीप बिश्नोई ने 19 मई को गुरुग्राम में मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की थी। इससे पहले उन्होंने सीएम की तारीफ की थी कि उन्होंने खुद को धमकी देने वाले व्यक्ति को अरेस्ट करा दिया। उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने फरवरी में एक व्यक्ति ने वसूली के लिए कॉल किया था और धमकी दी थी।

निर्दलीय रंजीत चौटाला बने रणनीति के सूत्रधार

 

कार्तिकेय शर्मा का नाम जब निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर तय हुआ तो भाजपा और जेजेपी के नेता समर्थन जुटाने में लगे थे। इसके अलावा कुछ निर्दलीय विधायक और मंत्री रंजीत चौटाला ने भी यह जिम्मा संभाला था। खुद रंजीत दिल्ली से कार्तिकेय शर्मा के साथ चार्टर्ड प्लेन में आए थे और नामांकन पत्र दाखिल कराया। बता दें कि रंजीत चौटाला निर्दलीय विधायक हैं और भाजपा की लीडरशिप वाली हरियाणा सरकार में ऊर्जा मंत्री हैं। सूत्रों का कहना है कि एक समय में कुलदीप बिश्नोई के पिता भजन लाल के मुकाबले आदमपुर सीट से चुनाव लड़ने वाले रंजीत चौटाला ने ही खट्टर के साथ उनकी बातचीत की मध्यस्थता की थी।

दो मुलाकातों में कैसे फाइनल हो गई डील

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, 'फोन पर बातचीत के बाद कुलदीप ने रंजीत चौटाला से मुलाकात की और फिर सीएम से मिले थे। यह मीटिंग चंडीगढ़ के होटल में हुई थी। इसके बाद उन्होंने कार्तिकेय शर्मा को वोट देने और बाद में भाजपा में शामिल होने का फैसला लिया।' कहा जा रहा है कि कुलदीप बिश्नोई की दिल्ली में भी एक सीनियर भाजपा नेता से मुलाकात हुई थी। कहा जा रहा है कुलदीप बिश्नोई इस बात से नाराज थे कि हरियाणा में कांग्रेस की पूरी कमान भूपिंदर सिंह हु़ड्डा को ही दे दी गई है। इस चुनाव ने एक रोचक समीकरण भी तैयार किया है, जब देवीलाल और भजनलाल के परिवार के नेता साथ नजर आए।