भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पूर्व प्रवक्ता नुपूर शर्मा के खिलाफ असम में पूर्व मंत्री ने FIR दर्ज कराई गई है। उन्होंने साथ में भाजपा से बर्खास्त नेता नवीन जिंदल का नाम भी शामिल किया है। खास बात है कि पूर्वोत्तर राज्य में शर्मा के खिलाफ नाराजगी बढ़ती जा रही है। हाल ही में राज्य में उनके पुतले जलाए गए थे। इससे पहले असम में कांग्रेस भी दोनों के खिलाफ FIR दर्ज करा चुकी है।
पूर्व मंत्री अताउर रहमान मजरभुइया ने शर्मा और जिंदल पर समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने मंगलवार को काटीगोराह पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई है। साथ ही उन्होंने पुलिस से कहा है कि दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कड़ी धाराओं के तहत मामला बनाया जाए।
मजरभुइया ने कहा, 'इन दो लोगों ने जानबूझकर समाज के वर्ग के भावनाओं को ठेस पहुंचाई है और देश के कानून के हिसाब से उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।' उन्होंने सभी वर्गों से अपील की है कि शर्मा और जिंदल के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के दौरान किसी तरह की हिंसा में शामिल न हों।
कुछ दिनों पहले ही कछार जिले समेत कई अन्य इलाकों में शर्मा का पुतला फूंका गया था। हालात की गंभीरता के मद्देनजर प्रशासन ने बराक घाटी के सभी तीन जिलों में धारा 144 लागू कर दी थी। आदेश के अनुसार, 'हम किसी भी जगह पर पांच या उससे ज्यादा लोगों के जुटने पर रोक लगा दी है। पैरा मिलिट्री के अलावा कोई भी व्यक्ति हथियार, विस्फोटक, लाठी, भाले, पत्थर या कोई भी घातक हथियार नहीं रखेगा, जिससे चोट लग सकती है। कोई व्यक्ति या संगठन जिला मजिस्ट्रेट की इजाजत के कोई जुलूस, रैलियां या जनसभा नहीं कर पाएगा।'
कछार जिला के पुलिस अधीक्षक रमनदीप कौर ने कहा कि जिले के सोनई और काटीगोराह इलाकों में हाल ही में कुछ विरोध प्रदर्शन देखे गए हैं। उन्होंने कहा, 'विरोध प्रदर्शन के बाद हम इसमें शामिल लोगों तक पहुंचे और उनसे किसी को नहीं उकसाने की अपील की। वे सहमत हुए और इसके बाद कोई विरोध प्रदर्शन नहीं हुए। आगे किसी आंदोलन या अप्रिय घटना से बचने के लिए जिला प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी है।'