प्रयागराज में जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा वाले अटाला इलाके में मकानों-दुकानों को धराशायी करने का खौफ लोगों के जेहन में दिखाई दे रहा है। खौफ के चलते लोग खुद ही मकानों से सामान हटा रहे हैं। दुकानों का शटर उखाड़ा जा रहा है। ताकि कुछ तो बचाया जा सके। मंगलवार को अचानक डीएम संजय कुमार खत्री, नगर अयुक्त व अन्य अधिकारी पहुंचे तो लोग और भयभीत हो गए। उन्हें लगा कि अवैध निर्माण ढहाने के लिए नगर निगम का दस्ता आने वाला है।
इसी के साथ लोगों ने तेजी के साथ सामान हटाना शुरू कर दिया। सोमवार से इस इलाके में ऐसी गतिविधि चल रही है। नगर निगम ने अवैध तरीके से बनाई दुकानें चिह्नित कर ली हैं, लेकिन प्रशासन की अनुमति न मिलने के कारण कार्रवाई अभी नहीं शुरू हो सकी है।
पीडीए यानी प्रयागराज विकास प्राधिकरण भी मास्टरमाइंड जावेद पंप का मकान ध्वस्त करने के बाद अन्य 37 आरोपियों के पते तलाश रहा है। यदि इनके मकान के नक्शे पीडीए से पास नहीं पाए जाएंगे तो उन मकानों को धराशायी करने की तैयारी की जा रही है।
प्रयागराज विकास प्राधिकरण के जोनल अधिकारी अजय कुमार ने पीटीआई-भाषा को बताया कि प्राधिकरण को दो-तीन दिन पहले उन 37 लोगों के नामों की सूची मिली है जो पथराव की घटना में शामिल थे। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण के लोग इन 37 आरोपियों के पते ठिकानों की तलाश कर रहे हैं। हालांकि इलाके में ज्यादातर लोग पथराव की घटना के बाद मकान पर ताला लगाकर कहीं चले गए हैं, जिससे इन आरोपियों के मकान आदि के बारे में पूछताछ करने में मुश्किल आ रही है।
जोनल अधिकारी ने बताया कि इसके बावजूद प्राधिकरण के अधिकारी आरोपियों का पता लगाने के लिए रात में भी गली मोहल्लों में घूम रहे हैं। आरोपियों के मकानों की पहचान होने पर यह देखा जाएगा कि क्या उन मकानों का नक्शा पीडीए से पास है या नहीं, यदि नक्शा पास नहीं होगा तो कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखऩीय है कि रविवार को जिला प्रशासन और पीडीए ने मिलकर प्रयागराज हिंसा के मास्टरमाइंड मोहम्मद जावेद का दो मंजिला मकान जेसीबी और पोकलैंड से ध्वस्त कर दिया।