बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को कहा कि केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार द्वारा अगले डेढ़ साल में दस लाख भर्ती की घोषणा चुनावी छलावा है। मायावती ने कहा कि केंद्र की गलत नीतियों और कार्यशैली के कारण देश में गरीबी, महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है। ऐसे में जब लोकसभा चुनाव नजदीक है, तब 10 लाख भर्ती की घोषणा चुनावी राजनीति से प्रेरित लगती है। उन्होंने दलित और पिछड़ा वर्ग की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि समाज के इस वर्ग के लोग गरीबी और बेरोजगारी की मार सबसे ज्यादा झेल रहे है मगर सरकार खामोश है।
बसपा अध्यक्ष ने ट्वीट किया कि केन्द्र की गलत नीतियों व कार्यशैली के कारण गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी व रुपए का अवमूल्यन आदि अपने चरम पर है जिससे सभी त्रस्त व बेचेन हैं, तब केन्द्र ने अब अगले डेढ़ वर्ष में अर्थात लोकसभा आमचुनाव से पहले 10 लाख भर्ती की घोषणा की है जो यह कहीं नया चुनावी छलावा तो नहीं है। उन्होने कहा कि साथ ही, एससी, एसटी व ओबीसी वर्गों के इससे कई गुणा अधिक सरकारी पद वर्षों से रक्ति पड़े हैं जिनको विशेष अभियान चलाकर भरने की मांग बीएसपी संसद के अन्दर व बाहर भी लगातार करती रही है। उनके बारे में सरकार चुप है जबकि यह समाज गरीबी व बेरोजगारी आदि से सर्वाधिक दुःखी व पीड़ित है।