सच झुकेगा नहीं... राहुल गांधी की ED में पेशी पर क्यों 'पुष्पा मोड' में आई कांग्रेस; एकजुटता का मौका
नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी आज ईडी के समक्ष पेश होने जा रहे हैं और इस बीच कांग्रेस के कार्यकर्ता देश भर में प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली, जयपुर, जम्मू समेत कई शहरों में कांग्रेस के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे हैं और 'सच झुकेगा नहीं' के नारों के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रियंका गांधी भी इस बीच राहुल गांधी के घर पहुंची हैं और कहा जा रहा है कि वह राहुल गांधी के साथ एक ही कार में बैठकर ईडी के दफ्तर तक जाएंगी। इस बीच कांग्रेस मुख्यालय में बड़ी संख्या में नेता पहुंचे हैं और कार्यकर्ता भी पहुंचकर राहुल गांधी के समर्थन में नारेबाजी कर रहे हैं।
ऐसे में माना जा रहा है कि राहुल गांधी को ईडी के समन को कांग्रेस ने एक मौके तौर पर लिया है। मार्च में 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में करारी हार झेलने के बाद से कांग्रेस के कार्यकर्ता निराश हैं। ऐसे में पार्टी मान रही है कि इस पेशी के जरिए वह कार्यकर्ताओं के उत्साह में कुछ जान फूंक सकेगी। यही नहीं परिवार भी इस मौके पर एकजुट दिख रहा है। एक तरफ प्रियंका गांधी अपने भाई के घर पहुंची हैं तो रॉबर्ट वाड्रा ने भी ट्वीट कर राहुल गाँधी को ढांढस बंधाया है। उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि मुझे भी ईडी ने कई समन जारी किए थे, लेकिन मैंने सभी का जवाब दिया।
देश भर में 25 ED दफ्तरों पर प्रदर्शन करेंगे कांगेसी
इस बीच कांग्रेस के नेता मणिक्कम टैगोर ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता देश भर में ईडी के 25 दफ्तरों के बाहर प्रदर्शन करेंगे। कांग्रेस इस मसले को गांधी परिवार के खिलाफ साजिश और राजनीतिक बदले की कार्रवाई के तौर पर पेश करना चाहती है। इसके अलावा एजेंसियों के बेजा इस्तेमाल का भी आरोप कांग्रेस लगा रही है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इससे एक तरफ कांग्रेस गांधी परिवार पर लगे आरोपों को गलत साबित करने का प्रयास कर रही है। इसके अलावा एकजटुता और शक्ति प्रदर्शन के मौके के तौर पर भी इस इस पेशी को देखा जा रहा है।
भाजपा क्यों लगातार बनी हुई है आक्रामक
हालांकि भाजपा भी इस मसले पर बैकफुट पर आने की बजाय लगातार आक्रामक बनी हुई है। भाजपा का कहना है कि राहुल गांधी जमानत पर हैं और उन्हें खुद को निर्दोष साबित करना चाहिए। यही नहीं भाजपा नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी और कांग्रेस को इस तरह शक्ति प्रदर्शन की बजाय संवैधानिक संस्थाओं के सम्मान की मिसाल देनी चाहिए। ऐसे में राहुल गांधी की पेशी एक बड़े राजनीतिक इवेंट में तब्दील हो गई है।