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नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी के समक्ष राहुल गांधी की पेशी को देखते हुए जांच एजेंसी की ऑफिस के बाहर भारी संख्या पुलिस बलों की तैनाती की गई है। ईडी दफ्तर के अलावा राष्ट्रीय राजधानी के कई दूसरे इलाकों में भी पुलिस उपस्थिति देखी जा सकती है। कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने इसे लेकर केंद्र की भाजपा सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए सवाल किया कि आखिर बुलडोजर क्यों नहीं मंगाए गए हैं।

कार्ति चिदंबरम ने कहा, "मैं हैरान हूं कि सरकार ने बैरिकेड्स लगाए हैं, कांग्रेस दफ्तर के बाहर पुलिस बलों की तैनाती की है और धारा 144 लगाई है, जबकि बुलडोजर नहीं मंगाए हैं। आखिर यही तो इस सरकार के काम करने का अंदाज है।" 

ईडी के सभी मामले फर्जी: कार्ति चिदंबरम
कार्ति ने कहा, "हम यहां भारत के विभिन्न हिस्सों से अपनी पार्टी नेतृत्व के साथ एकजुटता दिखाने और देश को ईडी के घोर दुरुपयोग को दिखाने के लिए हैं। ईडी के सभी मामले फर्जी हैं। मुझे ईडी के नोटिस सबसे अधिक बार मिले हैं, इसलिए मैं ईडी के मामलों में कांग्रेस का निवासी विशेषज्ञ हूं।"

माफियाओं पर बुलडोजर से कार्रवाई
दरअसल, बीजेपी यूपी और देश के अन्य हिस्सों में माफिया और अनियंत्रित तत्वों को उखाड़ फेंकने के लिए बुलडोजर के इस्तेमाल की बात करती रही है। हालांकि, विपक्ष ने इस तरह की हरकतों से अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों को अवैध रूप से निशाना बनाने का आरोप लगाया है। यूपी के कानपुर, सहारनपुर और प्रयागराज में नागरिक निकाय उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं, जिन पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया था।

ईडी के सामने पेश हुए राहुल गांधी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी 'नेशनल हेराल्ड' से जुड़े धनशोधन मामले में सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए। इस मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पहुंचे और राहुल गांधी के प्रति अपना समर्थन जताया।

कई कांग्रेस कार्यकर्ता हिरासत में
राहुल गांधी ईडी कार्यालय तक जाने के लिए कांग्रेस मुख्यालय से थोड़ी दूर तक पैदल चले। पुलिस ने इस दौरान कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को रोक दिया। सुबह करीब 11 बजे राहुल गांधी का काफिला ईडी कार्यालय पहुंचा। इससे पहले, पार्टी के प्रस्तावित मार्च के मद्देनजर पुलिस ने कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया और पार्टी मुख्यालय के आसपास धारा 144 लगा दी।