अब एक दूसरे के डिफेंस बेस का इस्तेमाल कर सकते हैं भारत और वियतनाम, चीन को लग सकती है मिर्ची
भारत और वियतनाम ने 8 जून को 2030 तक रक्षा संबंधों के दायरे और पैमाने को और व्यापक आधार देने के लिए एक विजन डॉक्यूमेंट पर साइन किया है। भारत और वियतनाम ने दोनों पक्षों की सेनाओं को आपूर्ति की मरम्मत और पुनःपूर्ति के लिए एक-दूसरे के ठिकानों का इस्तेमाल करने की इजाजत देने के लिए एक रसद सहायता समझौते पर साइन किया है।
वियतनाम ने पहली बार किया है इस तरह का कोई समझौता
वियतनाम ने किसी देश के साथ पहली बार रसद समर्थन को लेकर समझौते पर साइन किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वियतनाम के अपने समकक्ष जनरल फान वान गियांग ने इस रसद समझौते पर साइन किया है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारत और वियतनाम के बीच 'समकालीन समय में हितों और सामान्य चिंताओं के व्यापक अभिसरण के साथ सबसे भरोसेमंद संबंध' जारी है।
जॉइंट विजन स्टेटमेंट के जरिए नजदीक आएंगे भारत और वियतनाम
राजनाथ सिंह ने कहा कि हमने द्विपक्षीय रक्षा संबंधों और क्षेत्रीय और वैश्विक मसलों को आगे बढ़ाने के लिए प्रभावी और व्यावहारिक पहल पर व्यापक चर्चा की है। उन्होंने आगे कहा कि विचार-विमर्श के बाद हमने '2030 की ओर भारत-वियतनाम रक्षा साझेदारी पर जॉइंट विजन स्टेटमेंट' पर साइन किए जो हमारे रक्षा सहयोग के दायरे और पैमाने को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा।
रक्षा लाइन ऑफ क्रेडिट को जल्द ही अंतिम रूप देगा भारत
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती ताकत के बीच समुद्री सुरक्षा क्षेत्र में भारत और वियतनाम ने सुरक्षा संबंधों का विस्तार करने के लिए विजन डॉक्यूमेंट पर साइन किए हैं। राजनाथ सिंह ने भारत द्वारा वियतनाम को दी गई 500 मिलियन डॉलर की रक्षा लाइन ऑफ क्रेडिट को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने पर भी सहमति जताई है।