उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव में समाजवादी पार्टी से स्वामी प्रसाद मौर्य सात जून को नामांकन कर सकते हैं। सपा इसके अलावा सोबरन सिंह को भी लड़ाने की तैयारी में हैं। दो अन्य सीटों के लिए आधा दर्जन से ज्यादा सपा नेता दावेदार हैं। इनमें हाल तक विधान परिषद में रहे सपा नेता भी शामिल हैं।
सपा की सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) को एक सीट मिलना तय है। उनके बेटे अरविंद राजभर को टिकट दिलाने के लिए सुभासपा ने मजबूती से पैरवी की है। सहारनपुर के पूर्व विधायक इमरान मसूद, पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी, राजपाल कश्यप, पूर्व मंत्री बलराम यादव, अम्बिका चौधरी, पूर्व एमएलसी उदयवीर सिंह, सुनील साजन व संजय लाठर भी रेस में शामिल हैं। जहां तक स्वामी प्रसाद मौर्य की बात है, सपा किसी न किसी रूप में उन्हें अपने साथ जोड़े रखना चाहती है। इसलिए स्वामी प्रसाद मौर्य को विधान परिषद में भेजेगी जहां वह सरकार को घेरने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्य पिछली योगी सरकार में मंत्री थे। चुनाव के वक्त भाजपा छोड़ कर सपा में आए थे। सपा ने कुशीनगर की फाजिलनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाया लेकिन वह भाजपा से हार गए। अब वह उच्च सदन में जाने की तैयारी में हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य को उच्च सदन भेज कर अखिलेश यादव गैर-यादव ओबीसी समुदाय को बड़ा संदेश देने की कोशिश करेंगे।