Right Banner

संघ परिवार के कट्टरपंथियों ने भाजपा नेतृत्व की ओर से अपने दो प्रवक्ताओं को बर्खास्त करने को कैसे हजम कर लिया, यह विपक्षी दल बारीकी से देख रहे हैं। पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ दोनों की अपमानजनक टिप्पणी पर खाड़ी देशों की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद यह कार्रवाई हुई। विपक्षी खेमे यह भी देख रहे हैं कि हिंदुत्व-राष्ट्रवादी निर्वाचन क्षेत्र भाजपा की अनुशासनात्मक कार्रवाइयों पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं। ये वो निर्वाचन क्षेत्र हैं, जहां भाजपा नेता विशेषकर कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाते रहे हैं।

तथ्य यह है कि भाजपा नेतृत्व और केंद्र दोनों अपने प्रवक्ता नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल की आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद कुछ दिनों तक चुप रहे। उन्होंने दोनों के खिलाफ कार्रवाई तभी की जब खाड़ी देशों ने विरोध दर्ज कराया और भारतीय व्यापारिक हितों के खिलाफ कुछ कार्रवाई का सहारा लिया। विपक्षी हलकों का मानना ​​है कि अनुशासनात्मक कार्रवाइयां दोषसिद्धि के बजाय मजबूरी में की गईं।

छोटे नेता डाल सकते हैं कितना असर...
अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक और आर्थिक प्रभावों के अलावा खाड़ी देशों के प्रोटेस्ट के कारण घरेलू विरोधों को बढ़ावा मिला। कहा गया कि इससे पहले सत्ता प्रतिष्ठान प्रवक्ताओं के आचरण की अनदेखी करता रहा। इस मामले से साफ होता है कि नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल जैसे दो छोटे नेता राजनीतिक ताकत पर कितना असर डाल सकते हैं। विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि राजनीतिक प्रवचन के नाम पर कुछ भी बोलने को लेकर प्रोत्साहन भी मिल सकता है।

'भाजपा प्रवक्ता के रूप में नियुक्त किए अराजक तत्व?'
तथ्य यह है कि सत्तारूढ़ पक्ष ने बर्खास्तगी के बाद शर्मा और जिंदल को अराजक तत्व बताया और विपक्षी नेताओं को चकित कर दिया। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा , "भारत सरकार भाजपा के दो प्रवक्ताओं के बयान को 'अशिष्ट तत्वों' के रूप में जिम्मेदार ठहराती है! किसने उन्हें आधिकारिक भाजपा प्रवक्ता के रूप में नियुक्त किया? क्या भाजपा प्रमुख 'फ्रिंज तत्वों' को प्रवक्ता के रूप में नियुक्त करने की जिम्मेदारी स्वीकार करेंगे और सार्वजनिक रूप से माफी मांगेंगे? आपराधिक मामले दर्ज करने के बारे में क्या कहेंगे? क्या यूपी पुलिस को उनके खिलाफ मामला दर्ज नहीं करना चाहिए?"

भाजपा नेताओं को कार्रवाई का फैसला पसंद नहीं आया 
रिपोर्ट के मुताबिक, शर्मा और जिंदर पर कार्रवाई का फैसला राज्य इकाई के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को पसंद नहीं आया। दिल्ली भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम न बताने की तर्ज पर कहा कि पार्टी के दो पदाधिकारी पार्टी की बोली लगा रहे थे। उन्हें इस समय केवल सीमा पार करने के लिए दंडित नहीं किया जाना चाहिए था। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि मुझे पार्टी के किसी सदस्य की तरफ से कोई शिकायत नहीं मिली है। अगर ऐसा कुछ होगा तो मैं यह जानने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा।