बिहार के पाटलिपुत्र थाने की पुलिस ने एक ऐसे वाहन चोर गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो पलभर में ही महंगी बाइक उड़ा देता था। यह गिरोह पिछले एक साल में करीब दो हजार से अधिक महंगी बाइक चुरा चुका है। यानी रोज पांच से अधिक बाइक की चोरी करता था। गिरोह में शामिल चार शातिरों को भी पुलिस ने पकड़ा है, जिसमें एक नाबालिग है।
गिरफ्तार शातिरों के कब्जे से पुलिस ने अलग-अलग जगहों से चुराई गई 4 महंगी बाइक को भी बरामद किया है। पकड़े गए अपराधियों में पाटलिपुत्र के राजापुर मैनपुरा गेट नंबर 28 का प्रेम कुमार, छितनामा थाना मनेर का विशाल कुमार तथा राजापुर मैनपुर मस्जिद के सामने की गली एलसीटी घाट का रहनेवाला शिवा कुमार व एक अन्य नाबालिग शामिल है। ये सभी मौज-मस्ती व महंगे शौक को पूरा करने के लिए बाइक चुराते थे। वैशाली का सरगना इन्हें संरक्षण देता था। पूछताछ के बाद पुलिस ने तीन को जेल जबकि नाबालिग को बाल सुधार गृह भेज दिया।
लॉक खोलने के लिए मास्टर की का करते थे उपयोग
पाटलिपुत्र थाना प्रभारी एसके शाही ने बताया कि क्षेत्र से लगातार चोरी हो रही बाइक के मामलों को गंभीरता से लिया गया। सूचना मिली कि राजापुर मैनपुरा निवासी केशो राय के मकान में किराए पर रह रहा प्रेम कुमार बाइक चुराकर बेचता है। छापेमारी कर सबसे पहले उसे गिरफ्तार किया गया। उसकी निशानदेही पर मनेर से विशाल को पकड़ा गया और उसके कब्जे से चोरी की तीन बाइक जब्त की गई। इसी कड़ी में एलसीटी घाट से चोरी की एक बाइक के साथ शिवा व एक नाबालिग को भी गिरफ्तार किया गया। ये सभी शातिर पिछले एक साल से सक्रिय थे। इनके द्वारा पाटलिपुत्र, राजीवनगर, दीघा, बुद्धा कॉलोनी, एसकेपुरी, जक्कनपुर, हवाई अड्डा आदि थाना क्षेत्रों से बाइक चुराई जाती थी। पूछताछ में शातिरों ने बताया कि पिछले एक साल में इन थाना क्षेत्रों से इनके द्वारा करीब दो हजार से अधिक महंगी बाइक चुराई गई है। बाइक चुराने के लिए ये मास्टर की का इस्तेमाल करते थे। शातिर चोरी की बाइक एक-दो दिन के लिए पार्किंग में खड़ी कर देते थे। बाद में नंबर प्लेट बदलकर उसे सरगना के ठिकाने पर पहुंचाते थे।
8 से 12 हजार में बेच देते थे बाइक
पुलिस के मुताबिक शातिर डेढ़ से दो लाख रुपये कीमत की बाइक को अंतरजिला वाहन चोर गिरोह के सरगना को महज 8 से 10 हजार रुपये में बेच देते थे। बाद में सरगना उसे 15 से 18 हजार रुपये में बेच देता था। सरगना द्वारा ही इन शातिरों को संरक्षण व बाइक चुराने का प्रलोभन दिया जाता था। शातिरों ने चोरी की बाइक खरीदनेवाले वैशाली के सरगना का नाम-पता बताया है, जिसका सत्यापन किया जा रहा है, लेकिन अभी तक सटीक जानकारी नहीं मिल सकी है।