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कानपुर में तीन जून को हुई हिंसा के आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए उनकी फोटो वाले 50 होर्डिंग शहर के प्रमुख चौराहों और महत्‍वपूर्ण स्‍थानों पर लगाए जाएंगे। पुलिस कमिश्‍नर विजय सिंह मीणा ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और अन्‍य कई वीडियो से तमाम आरोपियों की तस्‍वीरें जुटाई हैं। आरोपियों की पहचान के लिए जल्‍द ही कानपुर के छह थाना क्षेत्रों में उनके पोस्‍टर लगाए जाएंगे। 

उन्‍होंने कहा कि तस्‍वीरों के मिलान कराने की प्रक्रिया चल रही है। उन्‍हें हर जगह प्रदर्शित किया जाएगा। हम एक मजबूत संदेश देना चाहते हैं। दंगाइयों की पहचान कर उनकी सम्‍पत्तियां जब्‍त की जाएंगी। 

घटना की जांच से जुड़े पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यदि जरूरत हुई तो आरोपियों की फोटो वाले और होर्डिंग शहर के अन्‍य स्‍थानों पर भी लगाए जाएंगे। यह तीसरा मौका है जब हिंसा के आरोपियों की तस्‍वीरों वाले होर्डिंग महत्‍वपूर्ण स्‍थानों पर लगाए जाएंगे। इस तरह के होर्डिंग सबसे पहले 'पैकी' प्रदर्शन के दौरान हिंसा के बाद 2015 में सिसामऊ में लगाए गए थे।  इसी तरह की कार्रवाई दिसम्‍बर 2019 में 'नागरिकता संशोधन कानून' (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान भी की गई थी। मार्च 2020 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्‍नर को होर्डिंग हटाने का निर्देश दिया था। तब कोर्ट ने राज्‍य सरकार की इस कार्रवाई को संविधान के अनुच्‍छेद 21 का उल्‍लंघन और लोगों की निजता का अवांक्षनीय उल्‍लंघन माना था। 

बाद में, सु्प्रीम कोर्ट ने भी इस बारे में यूपी सरकार से जवाब तलब किया था। निजता के अधिकार को महत्‍व देते हुए जस्टिस यू यू ललित ने कहा था कि कोर्ट मानती है कि नियमों के विरुद्ध व्‍यवहार नहीं होना चाहिए। होर्डिंग लगाने के पीछे कानूनी आधार जरूर होना चाहिए। 'इस मामले में कोई कानून आधार नहीं है।' शुक्रवार को कानपुर में हुई हिंसा के दौरान परेड, नई सड़क और यतीमखाना क्षेत्र में 20 पुलिसकर्मियों समेत कम से कम 40 लोग घायल हुए थे। यह हिंसा कुछ लोगों द्वारा जबरन दुकानें बंद कराने को लेकर भड़की। पैगम्‍बर मोहम्‍मद और इस्‍लाम के खिलाफ भाजपा की प्रवक्‍ता नुपुर शर्मा के आपत्तिजनक बयान के खिलाफ दुकानें बंद कर विरोध जताया जा रहा था। रविवार को भाजपा ने नुपुर शर्मा को पार्टी निलंबित कर दिया। 

कानपुर हिंसा में पुलिस ने रविवार को पांच और लोगों को गिरफ्तार किया है। बवाल करने वालों की धरपकड़ तेज हो गई है। उनसे पूछताछ की जा रही है। अब तक पकड़े गए आरोपितों की संख्या 29 पहुंच गई है। डी-टू गैंग के तीन शातिरों समेत कई अपराधियों की तलाश की जा रही है। सोशल मीडिया और अफवाहों के जरिए माहौल बिगाड़ने वालों पर नजर रखने के लिए टीम बनाई गई है।