भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के जिला अध्यक्ष और लखीमपुर हिंसा के गवाह दिलबाग सिंह पर दो अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हमला मंगलवार रात उस समय हुआ जब दिलबाग सिंह गोला कोतवाली क्षेत्र में अलीगंज-मुडा रोड से अपने एसयूवी से घर वापस लौट रहे थे और इसी दौरान दो लोगों ने उन पर गोली चला दी। सिंह को इस हमले में कोई चोट नहीं आई।
सिंह तीन अक्टूबर, 2021 के तिकुनिया हिंसा के गवाहों में से एक हैं। तिकुनिया हिंसा में चार किसानों, एक पत्रकार समेत आठ लोगों की मृत्यु हुई थी। केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा इसी मामले में जेल में है। सिंह ने फोन पर कहा कि बदमाशों ने उनकी एसयूवी का एक टायर पंक्चर कर दिया जिसकी वजह से उन्हें वाहन रोकना पड़ा।
उन्होंने कहा, ''बाइक पर सवार बदमाशों ने एसयूवी का दरवाजा और खिड़की खोलने का प्रयास किया, लेकिन जब वे विफल रहे तो उन्होंने ड्राइवर सीट की ओर विंडो पेन पर दो गोलियां चलाईं।'' सिंह ने कहा कि वह खुद वाहन चला रहे थे और एसयूवी में अकेले थे। उन्होंने बताया कि हमलावरों की मंशा भांपते हुए उन्होंने ड्राइविंग सीट को मोड़ दिया और नीचे की ओर झुक गए। चूंकि विंडो पर काली फिल्म चढ़ी थी और बाहर से कुछ दिखाई नहीं दे रहा था, इसलिए हमलावर एसयूवी में उनकी स्थिति देख नहीं सके और अपनी मोटरसाइकिल पर भाग निकले।
दिलबाग सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने आधिकारिक गनमैन को छुट्टी पर भेज दिया था क्योंकि उसका लड़का अचानक बीमार पड़ गया था। सिंह ने इस हमले के तुरंत बाद गोला कोतवाली थाना में शिकायत दर्ज कराई है और इस घटना के बारे में भारतीय किसान यूनियन टिकैत के प्रवक्ता राकेश टिकैत को जानकारी दे दी है। अपर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार ने पीटीआई-भाषा को बताया कि दिलबाग सिंह की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है और फॉरेंसिक टीम को घटनास्थल पर भेजा गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और हमलावरों की पहचान करने के प्रयास जारी है।