राज्यसभा चुनाव के बीच कर्नाटक में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। समाचार चैनलों की बहस में कांग्रेस के जानेमाने चेहरे और उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता बृजेश कलप्पा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। वह 25 वर्ष से कांग्रेस से जुड़े थे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे एक पत्र में उन्होंने कहा, हाल के दिनों में वह अपने उत्साह में कमी महसूस रहे हैं, उनका प्रदर्शन उदासीन और निरुत्साह वाला रहा है।
सोनिया गांधी को 30 मई को लिखे एक पत्र में कलप्पा ने राज्य में पार्टी के शासन के दौरान मंत्री पद के समकक्ष कर्नाटक सरकार के कानूनी सलाहकार के रूप में उनकी नियुक्ति समेत उन्हें दिए गए अवसरों के लिए धन्यवाद दिया। कलप्पा ने सोनिया को उन्हें संरक्षण देने के लिए धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा कि वह 2013 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के शासन के समय से लगभग एक दशक तक हिंदी, अंग्रेजी और कन्नड़ समाचार चैनलों पर पार्टी का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं और उन्होंने 6,497 बहसों में हिस्सा लिया है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, पार्टी नियमित रूप से उन्हें राजनीतिक काम सौंपती रही है, जिसमें उन्होंने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का भरसक प्रयास किया है।
कलप्पा ने कहा, ‘‘2014 और 2019 की पराजय के बाद पार्टी के लिए सबसे बुरे समय में भी मैंने कभी उत्साह और ऊर्जा में कमी महसूस नहीं की। लेकिन, हाल के दिनों में मैं खुद के जुनून में कमी महसूस कर रहा हूं क्योंकि मेरा अपना प्रदर्शन उदासीन और निरुत्साह वाला रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इन परिस्थितियों में मेरे पास भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने और 1997 में शुरू हुए अपने जुड़ाव को समाप्त करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।’’
पार्टी के कुछ सूत्रों के अनुसार, वह राज्य में हालिया विधान परिषद और आगामी राज्यसभा चुनावों के लिए उम्मीदवार नहीं बनाए जाने से भी नाराज हो सकते हैं।