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22 साल से तंबाकू छोड़ने का प्रयास कर रहा था, मगर इससे पीछा नहीं छुड़ा पाया। पिछले कुछ महीनों से दिक्कत हुई तो अस्पताल आकर जांच कराई। कैंसर का पता चला तो एक झटके में तंबाकू छूट गई। यह बात सोमवार को स्वामी राम कैंसर अस्पताल में इलाज कराने आए एक मरीज ने कही।

यहां आए ज्यादातर मरीज इसी तरह की समस्या से जूझ रहे थे। उन्होंने आपके अपने प्रिय अखबार 'हिन्दुस्तान' से अपने अनुभव साझा करते हुए लोगों से तुरंत तंबाकू का सेवन बंद करने की अपील की। गरुड़ से इलाज कराने आए 65 वर्षीय बुजुर्ग ने बताया कि वह 22 साल से तंबाकू उत्पाद का सेवन कर रहे थे।

कुछ समय पहले जब उन्हें तकलीफ हुई तो जांच कराने आए। पता चला कि उन्हें लंग कैंसर है। 40 साल सरकारी नौकरी कर चुके बुजुर्ग ने बताया कि मुंह में छाले और कटे के निशान होने पर वे इलाज कराने अस्पताल स्थित तंबाकू उन्मूलन केंद्र आए। बीमारी का पता चला तो एक झटके में तंबाकू उत्पाद का सेवन छोड़ दिया।

कहा पहले तो हम तंबाकू खाने पर पैसा खर्च करते हैं, फिर बाद अपने इलाज पर। उन्होंने लोगों से समय रहते तंबाकू को त्यागने की अपील की। वहीं कालाढूंगी निवासी युवक भी 18 साल से तंबाकू का सेवन कर रहा था। वह दिन में कई पैकेट खा लिया करता था। इस कारण उसका मुंह अंदर से कट गया और खाना खाने में दिक्कत होने लगी।

इलाज कराने हल्द्वानी कैंसर अस्पताल आया, जहां से उन्हें तंबाकू उन्मूलन केंद्र भेजा गया। अब उसे तंबाकू छोड़े 6 माह से अधिक हो गया है। अब उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत नहीं है। हल्द्वानी के रहने वाले एक अन्य युवक को एक साल से परेशानी हो रही थी। 3-4 महीने पहले जब उसे ज्यादा तकलीफ होने लगी तो अस्पताल आया।

पता चला मुंह का कैंसर है। अब कैंसर अस्पताल में इलाज करा रहा है। उसकी पत्नी ने बताया कि पति प्राइवेट जॉब करते थे। तबीयत खराब होने पर नौकरी छोड़नी पड़ी। उनकी 5 बेटियां और 1 बेटा है। अब घर की सारी जिम्मेदारी उन पर है। परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा है।

तंबाकू में निकोटिन की वजह से मुंह का कैंसर, आंतों का कैंसर हो सकता है। धूम्रपान से फेफड़ों का कैंसर, सांस की बीमारी के अलावा हृदय रोग भी हो सकता है। तंबाकू की लत कारण आंखों की रोशनी भी जा सकती है। तंबाकू का सेवन त्यागकर इन बीमारियों से बचा जा सकता है। दृढ़ इच्छाशक्ति से तंबाकू से छुटकारा पाया जा सकता है।
डॉ केसी पांडे, डायरेक्टर, स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट