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शराब के अवैध धंधे के खिलाफ मद्यनिषेध और पुलिस की कार्रवाई बड़े पैमाने पर जारी है। उत्पाद आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने सोमवार को बताया कि 1 से 28 मई तक राज्यभर में चले अभियान के दौरान 81355 छापेमारी की गई और 24,683 मामले दर्ज किए गए। पुलिस ने 56 हजार से ज्यादा जबकि मद्यनिषेध विभाग की टीम ने 25 हजार से अधिक छापेमारी की। इस दौरान 11,855 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। जिसमें शराब की होम डिलेवरी करनेवाले 629 लोग भी शामिल हैं। मई में हुई कार्रवाई को देखा जाए तो औसतन 2900 छापेमारी राज्यभर में रोजाना की गई, जिसमें प्रतिदिन लगभग 423 लोगों को उत्पाद अधिनियम की विभन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया।

733 को मिली सजा
 
मई में शराबबंदी से जुड़े 781 मामलों के ट्रायल पूरे किए गए, जिसमें 733 अभियुक्तों को सजा सुनाई गई। वहीं 28 मई तक शराबबंदी से जुड़े 1,16, 248 कांडों के ट्रायल शुरू हो चुके हैं। इसमें 2946 का ट्रायल पूरा भी हो गया है। अबतक 2066 अभियुक्तों को सजा सुनाई गई है, जबकि 880 व्यक्तियों को बरी किया गया है। शराबबंदी संशोधन कानून के नए प्रावधान के तहत 1 अप्रैल से 28 मई तक कुल 443 वाहनों को जुर्माना भरने के बाद छोड़ा गया है, इससे विभाग को 3,66, 96, 326 रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ। वहीं ई-नीलामी के जरिए अभी तक कुल 357 गाड़ियों की नीलामी हुई है, जिसमें 2,09,43 ,486 रुपए प्राप्त हुए हैं।

शराब के नशे में एक बार पकड़े गए तो फिर नहीं दे पाएंगे चकमा
शराब पीते या नशे में दोबारा पकड़े गए लोग झूठ बोलकर नहीं बच पाएंगे। उन्हें हर हाल में जेल जाना होगा। पहले भी शराब के नशे में पकड़े गए हैं या नहीं यह मात्र एक क्लिक पर पता चल पाएगा। पुलिस शराबियों का डाटाबेस न सिर्फ तैयार कर रही है, बल्कि इसे क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) पर भी अपलोड करना शुरू कर दिया है। सीसीटीएनएस में ऐसे तमाम लोगों का डाटा उपलब्ध होगा, जो पहली बार शराब पीते या शराब के नशे में पकड़े जाते हैं।

संशोधित शराबबंदी कानून के तहत पहली बार शराब पीते या नशे में पकड़े जाने वालों से जुर्माना लेकर छोड़ने का प्रावधान किया गया है। यह 1 अप्रैल 2022 से राज्य में लागू है। पर इसमें व्यक्तियों की पहचान को लेकर दिक्कत आ रही थी। लिहाजा, इसे दूर करने के लिए बड़ी पहल की गई है। जिस शख्स को शराब पीते या नशे में पकड़ा गया है वाकई वह पहली बार गिरफ्तार हुआ है या नहीं, इसका पता लगाने के लिए अब हाईटेक सिस्टम अपनाया गया है। अपराध और उसमें शामिल अपराधी की हर जानकारी रखने के लिए तैयार किए गए सीसीटीएनएस नेटवर्क पर शराबियों का भी डाटा ऑनलाइन अपलोड करने का आदेश दे दिया गया है।