बिहार में महिलाओं के खिलाफ होनेवाली आपराधिक घटनाओं में कमी दर्ज की गई है। दुष्कर्म, छेड़खानी, दहेज प्रताड़ना जैसी घटनाओं में दस से लेकर 34 प्रतिशत तक की कमी देखने को मिली है। पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज होनेवाले मामले में भी गिरावट आई है।
वर्ष 2021 के पहले तीन महीने के मुकाबले इस वर्ष के जनवरी, फरवरी और मार्च में दर्ज किए गए मामलों के आंकड़े जारी करते हुए पुलिस मुख्यालय ने यह दावा किया है। वहीं मानव व्यापार के रोकथाम और बाल श्रम के खिलाफ भी पुलिस ने बड़े पैमाने पर कार्रवाई की है। पुलिस मुख्यालय द्वारा सोमवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2021 के पहले तीन महीने में बलात्कार की 357 घटनाएं सामने आई थी।
वहीं साल 2022 के इसी दौरान 317 घटनाएं दर्ज की गई जो कि पिछले वर्ष के मुकाबले 11.2 प्रतिशत कम है। छेड़खानी की घटनाओं में 34.3 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। पिछले वर्ष जनवरी, फरवरी व मार्च में जहां छेड़खानी की 140 वारदातें दर्ज की गई, वहीं इस वर्ष के पहले तीन महीने में 92 ऐसी घटनाएं सामने आई। दहेज प्रताड़ना से जुड़े मामले भी 10.04 प्रतिशत तक कम हुए हैं। वर्ष 2021 के पहले त्रैमास में दहेज प्रताड़ना से जुड़ी 846 घटनाएं सामने आई जबकि इसी दौरान साल 2022 में ऐसी 761 घटनाएं दर्ज की गईं।
महिला अत्याचार अधिनियम के तहत भी 490 घटनाएं पिछले वर्ष के शुरुआती तीन महीनों में हुई थी जबकि इस वर्ष जनवरी, फरवरी और मार्च में इसकी संख्या 380 रही जो कि 22.5 प्रतिशत कम है।
मुआवाजा के लिए प्रस्ताव
पुलिस मुख्यालय के मुताबिक पॉक्सो एक्ट के तहत भी मामलों में कमी दर्ज की गई है। वर्ष 2021 के पहले तीन माह में इससे जुड़े 396 मामले सामने आए थे जबकि इस वर्ष इसी दौरान 342 घटनाएं दर्ज की गईं। वर्ष 2022 में मार्च तक दर्ज सभी 342 मामलों का निष्पादन भी हो चुका है और 241 मामलों में मुआवाजा हेतु प्रस्ताव भी भेज दिया गया है।
पुलिस की कार्रवाई
● पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी 34
● मुक्त कराई गई महिलाएं 32
● मुक्त कराए गए पुरुष 52
● गिरफ्तार मानव तस्कर (6 महिलाएं भी शामिल) 42
वर्ष 2022 मार्च तक