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हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सोमवार को लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य आरोपी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका का विरोध करते हुए, वादी पक्ष की ओर से दलील दी गई कि मामले में जांच के बाद कुछ धाराएं बढ़ा दी गई थीं, बढ़र हुई धाराओं में जमानत अर्जी बिना सत्र अदालत में दाखिल किए, अभियुक्त ने सीधा हाईकोर्ट में वर्तमान याचिका दाखिल कर दी है।

हालांकि अभियुक्त की ओर से इस आपत्ति का विरोध करते हुए कहा गया कि सीआरपीसी की धारा 439 में जमानत के सम्बंध में सत्र अदालत व उच्च न्यायालय को समान अधिकार प्राप्त हैं। न्यायालय ने मामले की सुनवाई के लिए 8 जुलाई की तिथि नियत की है। मामले में अगली सुनवाई पर भी बहस जारी रहेगी।

यह आदेश न्यायमूर्ति कृष्ण पहल की एकल पीठ ने आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की जमानत याचिका पर पारित किया। उल्लेखनीय है कि 10 फरवरी को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आशीष मिश्रा की याचिका को मंजूर करते हुए, उसे जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। बाद में जमानत मंजूर किए जाने के इस आदेश को सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष मामले के वादी पक्ष ने चुनौती दी थी।

इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने 10 फरवरी के आदेश को निरस्त करते हुए, वादी पक्ष को सुनवाई का पर्याप्त अवसर देते हुए, मामले को दोबारा सुने जाने का निर्देश हाईकोर्ट को दिया था। इस दौरान इसी मामले में अभियुक्त बनाए गए अंकित दास, लवकुश, सुमित जायसवाल व शिशुपाल की जमानत याचिकाएं हाईकोर्ट खारिज कर चुका है।