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03 जून को रिलीज होगी फिल्म ‘सम्राट पृथ्वीराज’
05 साल पहले शूटिंग के लिए आ चुके हैं अक्षय

वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। इतिहास की किताबों में मुगलों व ब्रिटिश साम्राज्य की काफी जानकारी मिलती है जबकि पृथ्वीराज चौहान जैसे सम्राटों के बारे में बेहद कम पढ़ाया गया है। किताबों में पृथ्वीराज के लिए एक पैराग्राफ है जबकि मुगलों के सौ पैरे पढ़ाए जाते हैं।
अपनी नई फिल्म ‘सम्राट पृथ्वीराज’ के प्रमोशन के लिए काशी आए अभिनेता अक्षय कुमार ने सोमवार को आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ से खास मुलाकात में ये बातें साझा कीं। किसी कंट्रोवर्सी से बचते हुए अक्षय ने आगे जोड़ा कि मुगल भी हमारे इतिहास के अभिन्न अंग हैं। मगर इतिहास की पढ़ाई संतुलित होनी चाहिए। अगर आप मुगलों और ब्रिटिश को पढ़ा रहे हैं तो 5000 साल तक स्थापित रहे हिंदू साम्राज्यों के बारे में भी पूरी जानकारी देनी चाहिए।
अक्षय ने कहा कि एक एक्टर के तौर पर मैं इसी तरह इतिहास और समाज की सोच में बदलाव का प्रयास कर सकता हूं और यही कोशिश कर रहा हूं। उन्होंने अपनी फिल्म एयरलिफ्ट, पैडमैन, टॉयलेट और केसरी का भी जिक्र किया। अक्षय ने बताया कि फिल्म के लिए बनाया गया सम्राट पृथ्वीराज का भगवा ध्वज लेकर वह काशी आए हैं। यहां गंगा को यह ध्वज चढ़ाएंगे और जल लेकर सोमनाथ दरबार जाएंगे।
बॉलीवुड के खिलाड़ी कहलाने वाले अक्षय ने बताया कि अब भी उन्होंने अपने भीतर दिल्ली की गलियों से निकला वो लड़का बचा रखा है जो फिल्म इंडस्ट्री में नहीं था। उन्होंने कहा कि फिल्में फ्लॉप होने पर शुक्रवार से रविवार तक ही मूड ऑफ रहता है। इसके बाद वह खुद की अब तक की कमाई देखते हैं और मन को समझाते हैं कि जीने के लिए इतना ही तो चाहिए। अक्षय ने अपने अगले प्रोजेक्ट ‘रामसेतु’ और ‘ओ माय गॉड-2’ पर भी चर्चा की। दोनों फिल्मों के निर्देशक डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी ही हैं।

गृहमंत्री 3 जून को देखेंगे फिल्म
वाराणसी। काशी से गंगाजल लेकर अक्षय कुमार और डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी सोमनाथ जाएंगे। इसके बाद दिल्ली रवाना होंगे। जहां तीन जून को रिलीज हो रही ‘सम्राट पृथ्वीराज’ के प्रीमियर में गृहमंत्री अमित शाह भी रहेंगे।

बनारस की कचौड़ी-जलेबी और गंगा आरती के फैन हैं अक्षय
2017 में ‘जॉली एलएलबी-2’ की शूटिंग के पांच साल बाद काशी आए अक्षय ने नदेसर स्थित होटल में पहुंचते ही सबसे पहले बनारसी कचौड़ी-जलेबी खाने की इच्छा जताई। बातचीत में उन्होंने अपनी इस कमजोरी का जिक्र किया। कहा कि बनारस का खाना मेरी पसंद है और इसके साथ गंगा आरती सुकून देती है। उन्होंने बताया कि अब भी दिल्ली जाने पर जी भर कर जलेबियां खाता हूं। अक्षय ने 2017 में शूटिंग के दौरान गंगा में डुबकी और नाव से पतंगबाजी को भी याद किया।
 
शूटिंग के लिए देश में नहीं मिले हिंदू स्थापत्य, बनवाने पड़े सेट

‘सम्राट पृथ्वीराज’ के निर्देशक डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने फिल्म निर्माण से पहले और इसके दौरान की तैयारियों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि फिल्म के लिए पिंगल लिपि में रासो के वाराणसी के दो खंड और राजस्थान की पांडुलिपि के चार खंडों को खंगाला गया। सभी चंद्रवरदाई के लिखे हैं। इसके अलावा कवि गंग द्वारा अकबर के सामने रासो के पारायण के भी उद्धरण उठाए गए।
डॉ. द्विवेदी ने कहा कि 1991 में ‘चाणक्य’ धारावाहिक बनाते समय उन्हें भगवा ध्वज दिखाने और हर-हर महादेव के नारे लगाने की आजादी नहीं थी। अब ऐसी सरकार है जो हमारी धरोहरों को सामने लाना चाहती है। हमारे पास यही मौका है, हम अब न कह पाए तो कब कहेंगे। उन्होंने बताया कि शूटिंग के लिए देश में मंदिरों को छोड़कर कहीं भी हिंदू स्थापत्य नहीं मिले। मुंबई में शूटिंग के लिए 36 विशालकाय सेट बनवाकर शूटिंग कराई गई। फिल्म में पात्रों के पहनावे, संवाद और शब्दों पर भी काफी काम हुआ। यहां तक कि 523 प्रकार की पगड़ियां बांधी गई हैं।