दिल्ली के रोहिणी सेक्टर 9 में रहने वाले सम्यक जैन ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 7वां रैंक हासिल किया है। वह इस सफलता का श्रेय अपने परिवार को देते हैं। विशेष रूप से वह अपनी मां के आभारी हैं। वह बताते हैं कि मैं दृष्टिबाधित हूं और मुझे परीक्षा में एक सहायक लेखक की जरूरत पड़ी और मेरी मां ने यह किया। पूरे परिवार ने मदद की। कोविड की तीसरी लहर थी और मौसम भी खराब था ऐसे में मेरे मामा ने मुझे परीक्षा दिलाई मैं परीक्षा दे रहा था और मामा नीचे बारिश में थे।
सम्यक की मां वंदना जैन और पिता संजय जैन सरकारी कर्मचारी हैं। वह बताते हैं कि जब मैंने अपना स्कूल समाप्त किया तब तक मुझे आंखों में दिक्कत नहीं थी जब मैं 20-21 का हुआ तब मुझे दिक्कत बढ़ी। लिखना पढ़ना सब मुश्किल हो गई। काफी संघर्ष किया। शुरूआती पढ़ाई दिल्ली की थी, फिर 10-12वीं मुंबई से की फिर मैं डीयू के एसओएल से मैंने स्नातक किया। परास्नातक आईआईएमसी से किया और फिर जेएनयू से इंटरनेशनल रिलेशन में पढ़ाई की। जर्नलिज्म में जब गया तो मैं लोगों की दिक्कतों से धरातल पर वाकिफ हुआ। मुझे लगा कि आईएएस सर्विस एक बेहतर मौका दे सकती है लोगों की जिंदगी में बदलाव करने की।
यह पूछे जाने पर कि जो दृष्टिबाधित हैं उनके लिए सिविल सर्विस की तैयारी कितनी मुश्किल या आसान है? सम्यक का कहना है कि दृष्टिबाधित लोगों को इससे घबराने की जरूरत नहीं है। वह अपनी मेहतन से इसे कर सकते हैं। किताबें ऑनलाइन उपलब्ध है। डिजिटल फार्मेट में किताबें ऑनलाइन मुफ्त मिल जाती है। आत्मविश्वास के साथ इसकी तैयारी करने की आवश्यकता है इससे सफलता मिलेगी।