राजधानी दिल्ली में सोमवार को चली तेज आंधी में यमुना बाजार स्थित हनुमान मंदिर (मरघट वाले बाबा) के पास ऐतिहासिक दीवार का हिस्सा ढह गया। दीवार से सटा एक पुराना पेड़ भी जड़ से उखड़कर आंधी से नीचे गिर गया। इसके नीचे एक मोटरसाइकिल भी ढब गई।
दीवार के गिरने से आसपास बड़े-बड़े पत्थरों का मलबा इकठ्ठा हो गया है। ढहे हिस्से को देखने के लिए शाम के समय लोगों की भीड़ जुटी गई थी। मंदिर के पंडित वैभव शर्मा ने बताया कि यह दीवार काफी ऐतिहासिक है। दीवार को वॉल्ड सिटी का हिस्सा बताया जाता है। तेज आंधी की वजह से पेड़ गिरने के साथ दीवार का कुछ हिस्सा ढह गया है। इतिहासकार फिरोज बख्त अहमद ने बताया कि शाहजहांनाबाद 14 दरवाजों के बीच में बसा था, जिसे अब पुरानी दिल्ली का इलाका कहा जाता है। यह दीवार पत्थर घाटी दरवाजे के पास की है। दरवाजे का वजूद तो फिलहाल खत्म हो चुका है। लेकिन, पूरे शहर को जोड़ने वाली दीवारें जरूर कुछ अलग-अलग हिस्सों में बची हुई हैं। यह दीवार भी उसी का हिस्सा है, जिसको शाहजहां के दौर में बनाया गया था। ऐसी दीवारों का मूल्यांकन कर उन्हें संरक्षित करने की आवश्यकता है।
इस संबंध में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के एक अधिकारी ने कहा कि यह ऐतिहासिक दीवार उनके अधीन में नहीं है। यह राज्य सर्वेक्षण विभाग के अधिकार क्षेत्र में आती है। वहीं तेज आंधी से लालकिला पार्किंग में खड़ी गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचा है। साथ ही पुराने पेड़ भी गिर गए।
जामा मस्जिद का गुंबद क्षतिग्रस्त
इसके अलावा ऐतिहासिक जामा मस्जिद के गुंबद और अन्य हिस्सों को नुकसान पहंचा है। जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कहा कि मस्जिद की एक मीनार और अन्य हिस्सों से पत्थर टूटकर गिरने से दो लोग घायल हो गए।
बुखारी ने बताया कि मुख्य गुंबद का कलश टूटकर गिर गया। और नुकसान से बचने के लिए इसे तत्काल ठीक करने की जरूरत है। मस्जिद के ढांचे के कुछ और पत्थर भी गिर गए। मैं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की मदद से मस्जिद की तत्काल मरम्मत करने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखूंगा। दिल्ली वक्फ बोर्ड के अधिकारियों ने कहा कि एक टीम को जामा मस्जिद के निरीक्षण और नुकसान के आकलन के लिए भेजा गया है।