गंगा और सोन नदी में अब बालू के वैध खनन की तैयारी है। इससे राज्य सरकार के खजाने में हर साल न केवल 400 करोड़ रुपए आएंगे, बल्कि लगभग 5000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिलेगा। पिछले दिनों मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्यस्तरीय टास्क फोर्स की समीक्षा बैठक में इस मुद्दे पर विस्तार से मंथन हुआ था। बैठक में खान एवं भूतत्व विभाग की प्रधान सचिव हरजोत कौर बम्हारा भी मौजूद थीं। राज्य सरकार अवैध बालू खनन पर प्रभावी रोक लगाने और इसे रोजगार से जोड़ने की कार्ययोजना पर गंभीरता से काम कर रही है।
इसी के तहत गंगा और सोन नदी में अवैध खनन को लेकर विमर्श किया गया। सरकार गंगा और सोन नदी में अवैध खनन को लेकर बेहद चिंतित है। तमाम प्रयासों के बाद भी इसपर कारगर रोक नहीं लग पा रही। ऐसे में बीच का रास्ता निकालने की योजना बनायी गयी है। माना जा रहा है कि सोन और गंगा नदी से नाव द्वारा बालू खनन को नियमित करने से हर साल सरकार के खजाने में कम से कम 400 करोड़ रुपए आएंगे। यही नहीं हजारों लोगों को प्रत्यक्ष- अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की भी संभावना है।
300 नावों से हर रोज लूटा जाता है बालू
इस समय 300 नावों से गंगा और सोन नदी में प्रतिदिन बालू का अवैध खनन किया जाता है। अवैध खनन से प्राप्त बालू को सारण जिले के डोरीगंज में भंडारित भी किया जाता है। यहीं से इसकी अवैध बिक्री पूरे इलाके में की जाती है। विभाग और स्थानीय पुलिस की कड़ी निगरानी के बाद भी बालू माफिया नावों से बालू का अवैध खनन करने में सफल हो रहे हैं। हाल यह है कि देर रात तक नदी में नावों का चलना जारी रहता है। पुलिस पेट्रोलिंग और जांच के बाद अवैध खनन करने वाले फिर से सक्रिय हो जाते हैं। ऐसे में राज्य सरकार अवैध खनन को नियमित करने की योजना पर काम कर रही है।
सर्वाधिक कमाई गंगा-सोन से ही
राज्य सरकार को खनन मद में प्राप्त राजस्व का सर्वाधिक बालू से मिलता है। इसमें से भी सबसे बड़ा हिस्सा पटना, सारण और भोजपुर जिले का है। ऐसे में सरकार इन जिलों से मिलने वाले राजस्व को लेकर चिंतित है। उसका मानना है कि यहां से उसे और राजस्व मिल सकता है।
बालू से होने वाली भारी भरकम कमाई पर सबकी नजर
दरअसल, बालू से भारी भरकम कमाई होती है। अवैध खनन में लगे माफियाओं की कमाई करोड़ों में है। इसमें कई स्तरों पर हिस्सेदारी भी होती है। बगैर किसी बड़ी पूंजी के इसमें होने वाली भारी कमाई के कारण इस कारोबार में बड़े और ताकतवर लोग शामिल हैं। सरकार अब इसपर प्रभावी अंकुश लगाएगी।