बलिया।स्थानीय एमवीडी लॉ कॉलेज के प्रिंसपल आर्येन्दु द्विवेदी ग्लोबल स्कॉलर्स फाउंडेशन द्वारा भारतीय ज्ञान रत्न एवार्ड 2022 के तहत डायनामिक प्रिंसिपल आफ द ईयर के लिए पुणे में हुए पुरस्कृत मां वैष्णो देवी यानी एमवीडी लॉ कॉलेज लखनऊ के प्रिंसिपल डा0आर्येन्दु द्विवेदी इन दिनों काफी सुर्खियों में हैं,और हों भी क्यों नहीं, आखिर इन्हें ग्लोबल स्कॉलर फाउंडेशन द्वारा भारतीय ज्ञान रत्न अवॉर्ड 2022 का डायनामिक प्रिंसिपल ऑफ ईयर का मेडल जो मिला है। द्विवेदी को उक्त अवार्ड मिलने से एमवीडी लॉ कालेज के सहकर्मी, स्टाफ और कॉलेज के छात्र छात्राओं सहित उनके मित्र व परिजन सभी गदगद हैं।
कर्मठ,कुशाग्र और अंतर्मुखी प्रतिभा के धनी श्री द्विवेदी के मृदुभाषी होने के कारण अपने-बेगाने सब में ये समान रूप से लोकप्रिय हैं और सभी इन्हें आदर सम्मान की दृष्टि से देखते हैं।उत्तर-प्रदेश के देवरिया जिला के लक्ष्मीपुर गांव में एक मध्यम शिक्षक परिवार में 1 जुलाई 1972 को जन्मे श्री द्विवेदी शिक्षक पिता श्री ओंकार द्विवेदी और माता स्व. निर्मला द्विवेदी के तीन पुत्रों और एक पुत्री में सबसे बड़े हैं, और यह केवल संख्या क्रम में ही नहीं अपितु बड़प्पन विरासत के रूप में इनकी रगों में खून बनकर दौड़ता भी है।
स्मरण हो कि बचपन से ही विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य की लालसा पाले श्री द्विवेदी की प्राथमिक शिक्षा लक्ष्मीपुर गांव में शुरू हुई।जिसके बाद इन्होंने इंटरमीडिएट तक महाराजगंज और उसके बाद गोरखपुर विश्वविद्यालय कुशीनगर से स्नातक हुए। तदोपरांत इन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय से ही 1994 में एलएलबी और 1998 में एलएलएम करने के बाद 1999 में नेट पास किया। तत्पश्चात लखनऊ विश्वविद्यालय से 2007 में एलएलडी की भी उपाधि हासिल कर ली।
शिक्षा पूर्ण करने के बाद द्विवेदी अपने अध्यापकीय जीवन के पड़ाव को पार करते हुए एपीएनपीजी कॉलेज बस्ती में लगभग ढाई साल, डीडीयू (गोरखपुर विश्वविद्यालय) के लॉ विभाग में लगभग साढ़े 4 साल और एसवीपीजी कॉलेज देवरिया में लगभग सवा 2 साल सहित विवेक लॉ कालेज बिजनौर में भी एक साल तक लॉ के सहायक प्रोफेसर रहे। इसके बाद जनवरी 2014 से आज तक यह मां वैष्णो देवी लॉ कालेज, चिन्हट लखनऊ में बतौर प्रिंसिपल कार्यरत हैं।
अपने कैरियर के दौरान एक दशक से प्रिंसिपल होने सहित छत्तीसगढ़ ला जनरल और इंडियन जर्नल आफ सोसियो लीगल स्टडीज के सदस्य के साथ छात्रों सहित लखनऊ जेल की विजिट, रिसर्च और पीएचडी की सुपरवाइजरी करने के अलावा शिक्षा के अधिकार, युवा इन्वेस्टरों के लिए सेबी के अधीन वर्कशॉप, पीस कार्निवाल, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सोशल मीडिया विषय आदि की कार्यशाला के अलावा संविधान द्वारा प्रदत शिक्षा के अधिकार संशोधन बिल 2002 के साथ-साथ मानवाधिकार और देसज व्यक्ति के अतिरिक्त जागो ग्राहक जागो आदि पर उल्लेखनीय अभिभाषण के साथ-साथ उच्च शिक्षा: चुनौती एवं संभावना, भोजन के अधिकार अभियान एवं भारत में खाद्य समस्या, मानव विकास के लिए कानूनी शिक्षा का महत्व, भारत में मास मीडिया कानून, महिला अपराध और कानून, भारत में मानवाधिकार व जनहित याचिका सहित भारत में मानवाधिकार: सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक विश्लेषण पर सेमिनार करने के अलावा यह अन्य कल्याणकारी सामाजिक गतिविधियों आदि में भी समान रूप से सक्रिय रहे हैं।