ब्यौहारी । श्रीमद् बाल्मीकि रामायण कथा 27 मई तक आयोजित उक्त बाल्मीकि रामायण का संगीतमय आयोजन समन्वयक बीआरसी कथा में पूजन एवं पारायण प्रातः 09 से 01 बजे रीतेश श्रीवास्तव एवं रत्नेश श्रीवास्तव के एवं कथा वाचन सायं 04 से 07 बजे तक रखा
निजनिवास लक्ष्मी नारायण मंदिर मार्ग में किया गया है। जा रहा है। श्रीमद् बाल्मीकि रामायण कथा के व्यास पीठाधीश सदुरुदेव महंत 108 स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज के कृपा पात्र डॉक्टर 18 मई को कलश यात्रा बैठकी से कथा काशीनरेशाचार्य जी महाराज श्री वैष्णवाश्रम, आरंभ होकर, नारद बाल्मीकि संवाद, श्री दारागंज, प्रयागराज हैं। यजमान रीतेश निधि जन्म, श्री राम विवाह, श्री चित्रकूट सुख विशाल श्रीवास्तव एवं रत्नेश स्वाती श्रीवास्तव हैं वहीं वर्णन, श्री ठाकुर जी वन विहार लीला, श्री कथा श्रोता श्रीमती आशा श्रीवास्तव पत्नी सुग्रीव जी की मैत्री एवं श्री हनुमान जी की कथा कीर्तिशेष अरुण कुमार श्रीवास्तव हैं। 18 मई से का व्यासपीठाधीश जी द्वारा मनोहारी
ये है कार्यक्रम
प्रस्तुतीकरण किया जा चुका है। स्वामी जी द्वारा अंतर कथाओं का बहुत प्रभावी ढंग से वर्णन किया जाता है, जो कथा का सौंदर्य और भी बढ़ा देता है। आगामी दिनों में श्री राम जी महाराज का रण लीला वर्णन, श्री राम जी महाराज का विजय महोत्सव, सीताराम महाराज जी का रा%याभिषेक, राजगद्दी महोत्सव कथा विराम व हवन, तर्पण, भंडारा का कार्यक्रम होगा। मंत्रो% चार से पूरा नगर अध्यात्ममय हो गया है। श्रीमद् बाल्मीकि रामायण कथा के आयोजन से एक बार पुनःधर्म व अध्यात्म की नगरी चर्चा में है।
श्रीमद् बाल्मीकि रामायण कथा को लेकर आयोजकों एवं नगर वासियों में अत्यंत उल्लास देखा जा रहा है। काफी संख्या में स्थानीय एवं समीपस्थ ग्राम और नगरों के श्रद्धालु भक्तगण कथा श्रवण हेतु नियमित उपस्थित हो रहे हैं। • संगीतमय प्रस्तुति से आनंदित होकर, भाव विभोर हो कथा अंतर्गत श्रोता गण नृत्य कर अपने आनंद की अभिव्यक्ति भी कर रहे हैं। आयोजकों द्वारा शीतल पेय, जलपान एवं मौसम को देखकर का समुचित व्यवस्था की गई है। श्रीमद् बाल्मीकि राम रामायण कथा के चार दिवस और शेष हैं जो कई अर्थों में विशेष हैं। आयोजक परिवार ने समस्त राम श्रद्धालुओं से अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित हो कथा श्रवण कर पुण्य लाभ प्राप्त करने का विनम्र आग्रह किया है।