बागपत के बाछौड़ गांव में दबिश के दौरान जहरीला पदार्थ पीने वाली मां-बेटी की बुधवार रात को मौत हो गई। एक बेटी पहले ही जिंदगी की जंग हार गई थी। गुरुवार शाम को मां-बेटी के शव बाछौड़ गांव लाए गए। शव देखते ही एक बार फिर ग्रामीण भड़क उठे।
उन्होंने वहां मौजूद अधिकारियों का घेराव कर हंगामा कर दिया। साथ ही कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी और पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा नहीं दिया जाता, तब तक शवों का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। उधर, एसपी ने मुकदमे के विवेचक दरोगा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज होने के बाद उसे सस्पेंड कर दिया। बुधवार देर रात किशोरी प्रीति व उसकी मां अनुराधा उर्फ गीता ने मेरठ में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। पोस्टमार्टम के बाद गुरुवार शाम करीब चार बजे दोनों के शव गांव लाए गए। शव के गांव में पहुंचते ही परिवार में कोहराम मच गया। वहीं एसपी ने मुकदमे के विवेचक एवं आरोपी दरोगा नरेश पाल को सस्पेंड कर दिया है।
बाछौड़ गांव में हुई थी घटना
बाछौड़ गांव का युवक प्रिंस 23 दिन पहले गांव की एक लड़की को लेकर घर से चला गया था। युवती के परिजनों ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। छपरौली पुलिस ने प्रिंस के पिता को हिरासत में लेने के बाद छोड़ दिया था। 24 मई की रात पुलिस ने प्रिंस के घर पर दबिश दी। आरोप है कि पुलिस के उत्पात से तंग आकर प्रिंस की मां और दो बहनों ने जहर खा लिया। इनमे एक बहन स्वाति की उसी दिन मौत हो गई थी।
मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। दरोगा नरेश पाल को सस्पेंड कर दिया गया। आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। मुकदमे की विवेचना सीओ क्राइम को सौंप दी गई है।