10 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियों ने कमर कस ली है। कांग्रेस मुख्यालय में भी आला नेताओं की बैठकें हो रही हैं। ये ऊपरी सदन में अपनी सीट सुनिश्चित करने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि राहुल गांधी की सहमति के साथ सूची को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है। इसमें 30 मई तक का समय लग सकता है।
आपको बता दें कि 15 राज्यों में 57 सीटों पर 10 जून को मतदान होने वाले हैं। हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के परिणामों को ध्यान में रखते हुए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) को 13 सीटें मिल सकती हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस को आठ राज्यसभा सीटें मिल सकती हैं। वहीं, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) को तीन और शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को एक-एक सीट मिल सकती है।
जिन राज्यों से कांग्रेस को राज्यसभा की सीटें मिल सकती हैं, उनमें राजस्थान की दो, छत्तीसगढ़ की दो और हरियाणा, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, झारखंड और मध्य प्रदेश की एक-एक सीट शामिल है। आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के संभावित उम्मीदवारों में जयराम रमेश, गुलाम नबी आजाद, पी चिदंबरम, राजीव शुक्ला, अजय माकन, रणदीप सुरजेवाला, शैलजा कुमारी, प्रवीण चक्रवर्ती, आनंद शर्मा और मुकुल वासनिक शामिल हैं। अन्य उम्मीदवारों में मिलिंद देवड़ा, कुलदीप बिश्नोई, पवन खेरा, तारिक अनवर और प्रमोद तिवारी शामिल हैं। इस बीच, कुछ परेशान करने वाले राज्य भी हैं जो पार्टी नेतृत्व को चुनौती दे सकते हैं।
झारखंड में झंझट
झारखंड में झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन की झोली में एक सीट है। इस बात पर अभी भी अस्पष्टता बनी हुई है कि क्या कांग्रेस झारखंड में अपने वरिष्ठ सहयोगी को कांग्रेस उम्मीदवार के लिए मनाने में सक्षम होगी। एक बाहरी व्यक्ति के सीट जीतने की अटकलों के बीच, झारखंड के नेता फुरकान अंसारी अपने विधायक बेटे और कुछ अन्य विधायकों के साथ पार्टी को याद दिलाने के लिए दिल्ली पहुंचे कि यह लंबे समय से "वादा" किया गया था और उन्हें उच्च सदन में भेजा जाना चाहिए।
झारखंड के नेताओं ने राज्य प्रभारी अविनाश पांडे से मुलाकात की, जिन्होंने कहा कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया का एक हिस्सा है, और अंतिम निर्णय पार्टी आलाकमान द्वारा लिया जाएगा। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पांडे ने कहा, “हमारी पार्टी में लोकतंत्र है और सभी को अपनी राय व्यक्त करने का अधिकार है। हम झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के साथ गठबंधन में हैं। हम एक ऐसे उम्मीदवार को खड़ा करेंगे जो सभी से सहमत हो। पिछली बार हमने उन्हें राज्यसभा की सीट दी थी और इस बार हमें उम्मीद है कि वे हमारे उम्मीदवार का समर्थन करेंगे। मैंने झारखंड के मुख्यमंत्री को कांग्रेस अध्यक्ष के साथ एक मामले पर चर्चा करने के लिए आमंत्रित किया है।” आपको बता दें कि झारखंड विधानसभा में झामुमो के 30 जबकि कांग्रेस के 17 विधायक हैं।
हरियाणा की झिझक
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की है। हरियाणा में राज्यसभा सीट पर निगाह रखने वाले कई नेताओं की किस्मत पर मुहर लगाने के लिए उन्हें सोमवार को फिर बुलाया गया है। राज्य में रणदीप सिंह सुरजेवाला, कुमारी शैलजा और कुलदीप बिश्नोई जैसे नेताओं के साथ कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है, जो खुद को सबसे उपयुक्त उम्मीदवार के रूप में पेश कर रहे हैं।
इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि इस बात की संभावना काफी कम है कि उम्मीदवार एक बाहरी व्यक्ति हो सकता है जो राज्य के नेताओं को नाराज न करे। सूत्रों ने कहा कि हुड्डा पहले ही अपनी राय व्यक्त कर चुके हैं और पार्टी आलाकमान के आदेश का पालन करेंगे।
राजस्थान में रार
कांग्रेस के पास बसपा के दो पूर्व विधायक और 13 निर्दलीय समेत कुल 108 विधायक हैं, जबकि भाजपा के पास 71 सीटें हैं। राज्यसभा की दूसरी सीट जीतने के लिए उसे 11 और सीटों की जरूरत होगी। सूत्रों ने कहा कि राजस्थान तीन सीटों पर अल्पसंख्यक चेहरा दे सकता है क्योंकि पिछली बार अल्पसंख्यक समुदाय से कोई नहीं था।
राज्यसभा में कांग्रेस के 29 सांसद हैं। नौ सदस्यों के रिटायर हो चुके हैं। पी चिदंबरम और जयराम रमेश जैसे राजनीतिक दिग्गजों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। ऐसे में कांग्रेस के पास जाति और क्षेत्रीय समीकरणों को संतुलित करने की चुनौती होगी। जयराम रमेश कर्नाटक से रिटायर हो रहे हैं।