प्रतापगढ़। जिलाधिकारी डा0 नितिन बंसल की अध्यक्षता में कैम्प कार्यालय के सभागार में सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, जिला महिला अस्पताल में प्रसूता महिलाओं के इलाज एवं उनकी मृत्यु के कारणों की विस्तृत समीक्षा की।
जिलाधिकारी ने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया कि प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों से जिला महिला चिकित्सालय में कोई भी ट्रिपिकल केस रेफर करने के पूर्व अधीक्षक महिला चिकित्सालय को दूरभाष पर अथवा व्हाट्सएप के माध्यम से सूचित किया जाये ताकि सम्बन्धित मरीजों का तत्काल उपचार शुरू हो सके। जिलाधिकारी ने प्रभारी चिकित्साधिकारियों को मातृ मृत्यु को गम्भीरता से लेते हुये इसकी सम्यक इलाज एवं सही समय पर अस्पताल में पहुॅचने हेतु एम्बूलेन्स की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि गर्भवती महिलाओं की प्रारम्भिक जांच, टीकाकरण एवं एनीमिया हेतु सम्बन्धित आशा का दायित्व निर्धारित किया जाये यदि आडिट में यह पाया जाये कि आशा द्वारा अस्पताल में प्रसव कराने में लापरवाही बरती गयी है तो उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाये। उन्होने सभी चिकित्सकों को निर्देश दिया कि संस्थागत प्रसव हेतु सरकार द्वारा आशा सहित प्रसूताओं को भी प्रोत्साहन धनराशि दी जा रही है इसके बावजूद घरेलू प्रसव की घटनाओं का होना स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को दर्शाता है। उन्होने कहा कि चिकित्सकों को इस पर विचार करना चाहिये कि प्रसूता महिलाओं को कैसे बेहतर चिकित्सा सुविधा ससमय उपलब्ध करायी जा सकती है। जिलाधिकारी ने 15 से 17 वर्ष आयु के छूटे हुये युवाओं का आगामी सप्ताह में अभियान चलाकर वैक्सीनेशन कराने को निर्देश दिया।मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा बताया गया कि 12 से 14 वर्ष के बच्चों का 80 प्रतिशत वैक्सीनेशन कराया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि शत प्रतिशत वैक्सीनेशन पूरा किया जाये तथा ऐसे गांवो को चिन्हित करें जहां पर अभी तक सबसे कम वैक्सीनेशन कराया गया है। उन्होने कहा कि कोविड का खतरा अभी टला नही है जिसकी भी प्रतिरोधक क्षमता कम है उनके प्रभावित होने की सम्भावना ज्यादा है। अतः हमें जागरूक रहकर कोविड अनुशासन का पालन करना होगा। बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 अरविन्द कुमार श्रीवास्तव, जिला सूचना अधिकारी विजय कुमार सहित समस्त प्रभारी चिकित्साधिकारी व स्वास्थ्य विभाग के सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।